सर्दियों में नमी का स्तर कम होने के कारण आंखों की सतह पर मौजूद आंसुओं की परत तेजी से सूख जाती है। ठंडी हवा आंखों की नमी को सोख लेती है. इससे आंखों में जलन, चुभन और लालिमा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
नई दिल्ली: सर्दियों का मौसम स्वास्थ्य से जुड़ी काफी परेशानियां लेकर आता है. ठंड के दिनों में ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल के साथ-साथ पाचन और आंखों से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। इनमें से एक आम समस्या है आंखों में ड्राई आइज होना है। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में ठंडी और शुष्क हवा, हीटर का इस्तेमाल और पानी की कमी आंखों में सूखापन बढ़ा सकती है, जिससे आंखों में जलन, चुभन और लालिमा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
1. ठंडी हवा: सर्दियों में नमी का स्तर कम होने के कारण आंखों की सतह पर मौजूद आंसुओं की परत तेजी से सूख जाती है। ठंडी हवा आंखों की नमी को सोख लेती है, जिससे ड्राई आइज की समस्या बढ़ती है।
2. हीटर और ब्लोअर का उपयोग: घर या दफ्तर में हीटर और ब्लोअर का अधिक इस्तेमाल आंखों के प्राकृतिक आंसुओं को सुखा देता है। हीटर की गर्म हवा आंखों में जलन और चुभन का कारण बन सकती है।
3. पानी की कमी: ठंड में पानी कम पीने की आदत शरीर में डिहाइड्रेशन का कारण बनती है, जिससे आंखों की नमी पर असर पड़ता है।
4. डिजिटल स्क्रीन का अधिक उपयोग: सर्दियों में घर के अंदर अधिक समय बिताने के दौरान कंप्यूटर, टीवी और मोबाइल स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताना आंखों के सूखने का कारण बन सकता है। स्क्रीन देखने से पलक झपकने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे आंसुओं की परत जल्दी सूख जाती है।
1. आंखों में सीधे हीटर, एयर कंडीशनर या पंखे की हवा जाने से बचें।
2. स्क्रीन का उपयोग करते समय हर 20 मिनट पर आंखों को आराम दें।
3. पर्याप्त पानी पिएं और धूम्रपान से बचें।
4. डॉक्टर की सलाह परआई ड्रॉप का उपयोग करें।
आंखों में सूखापन को नजरअंदाज करना गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कॉर्नियल अल्सर और अच्छी तरह से न देखने। ऐसे में समय रहते सावधानी बरतें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
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