नई दिल्ली: कोविड महामारी के बाद जापान के टोक्यो जेसे बड़े शहरों में सिफलिस वायरस नामक खतरनाक बीमारी तेजी से फैल रही है। अकेले टोक्यो में अब तक 2,500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। सिफलिस एक यौन संक्रामक रोग है, जो खासकर 20 से 50 साल के पुरुषों और 20 से 30 साल की महिलाओं को अपना शिकार बना रहा है। चिंता की बात यह है कि अब नवजात शिशु भी इस बीमारी से प्रभावित हो रहे हैं। आइए जानते हैं कि सिफलिस क्या है, कैसे फैलता है, और इसके लक्षण क्या हैं।
सिफलिस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो ट्रेपोनेमा पैलिडम नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह मुख्य रूप से यौन संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। सिफलिस के संक्रमण में चार चरण होते हैं, जिनमें से प्रत्येक चरण के लक्षण अलग-अलग होते हैं।
सिफलिस का संक्रमण आमतौर पर यौन संपर्क के दौरान होता है। यह बीमारी तब फैलती है जब किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर मौजूद घाव या दाना दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आता है। शुरुआत में, संक्रमित व्यक्ति के निजी अंग, मुंह, जीभ या बगल में दर्दरहित घाव होते हैं, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
सिफलिस के शुरुआती लक्षणों में बुखार, त्वचा पर रैशेज, वजन घटना, बाल झड़ना, गले में खराश, थकान, मांसपेशियों में दर्द और लिम्फ नोड्स में सूजन शामिल हैं। अगर यह बीमारी गर्भवती महिला में हो तो उसके बच्चे को भी संक्रमित कर सकती है। इस स्थिति में, बच्चे का समय से पहले जन्म, जन्म के समय वजन कम होना, या जन्म के समय ही मौत होने की संभावना बढ़ जाती है।
सिफलिस से संक्रमित नवजात शिशुओं के शरीर पर लाल चकत्ते दिखाई देते हैं। समय के साथ, उनकी सुनने की क्षमता कम हो सकती है और आंखों में सूजन आ सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि सिफलिस एक धीरे-धीरे विकसित होने वाली बीमारी है, जो अपने अंतिम चरण में घातक साबित हो सकती है। हालांकि, अगर शुरुआती लक्षणों को पहचानकर सही समय पर इलाज शुरू किया जाए, तो इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।
सिफलिस से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध रखना बेहद जरूरी है। समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें और अगर कोई भी लक्षण नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खासकर गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से सिफलिस की जांच करानी चाहिए, ताकि उनके बच्चे सुरक्षित रह सकें। सिफलिस एक खतरनाक बीमारी है, जो समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर रूप धारण कर सकती है। इसलिए, इसके लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सा सलाह लें।
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