बच्चों को कितनी देर तक सोना चाहिए ? जान लें न्यू पेरेंट्स

न्यू पेरेंट्स अपने बच्चों को लेकर बहुत परेशान रहते हैं। वे हमेशा गूगल पर बच्चों के बारे में कुछ न कुछ सर्च करते रहते हैं। ऐसे में आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आपके बच्चे के विकास के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है।

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  • March 9, 2025 10:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago

नई दिल्ली: बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अच्छी नींद बहुत ज़रूरी है. अगर बच्चा ठीक से सोएगा तो उसका दिमाग तेज़ होगा, रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होगी और वह ज़्यादा सक्रिय रहेगा, लेकिन कई माता-पिता यह नहीं जानते कि उनके बच्चे को दिन में कितनी देर सोना चाहिए. क्योंकि कई माता-पिता अपने बच्चों को ज़्यादा या कम समय सोने देते हैं. ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से कितनी देर सोना चाहिए. आइए जानते हैं इस बारे में …

नवजात शिशु (0-3 महीने)

नवजात शिशुओं को सबसे ज़्यादा नींद की ज़रूरत होती है. उन्हें 14-17 घंटे सोना चाहिए. यह नींद दिन और रात में कम समय के लिए होती है. नवजात शिशु जितना ज़्यादा सोएंगे, वे उतने ही स्वस्थ रहेंगे.

शिशु (4-12 महीने)

इस उम्र में बच्चे को 12-16 घंटे सोना चाहिए. दिन में 2-3 बार झपकी लेना ज़रूरी है. अच्छी नींद उन्हें तेज़ी से बढ़ने में मदद करती है.

टॉडलर (1-2 साल)

टॉडलर को रोज़ाना 11-14 घंटे सोना चाहिए. इस उम्र में दिन में झपकी लेना जरूरी है। इस उम्र के बच्चों को भी ज्यादा नींद की जरूरत होती है।

प्रीस्कूलर (3-5 साल)

इस उम्र के बच्चों को 10-13 घंटे की नींद की जरूरत होती है। कई बच्चे इस उम्र में दिन में झपकी लेना छोड़ देते हैं, लेकिन पूरी नींद लेना जरूरी है।

स्कूल जाने वाले बच्चे (6-12 साल)

इन बच्चों को रोजाना 9-12 घंटे सोना चाहिए। रात को जल्दी सोने और सुबह समय पर उठने की आदत डालनी चाहिए। इससे बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

किशोर (13-18 साल)

किशोरों को कम से कम 8-10 घंटे की नींद की जरूरत होती है। इस उम्र में पढ़ाई और मोबाइल की वजह से नींद प्रभावित हो सकती है, इसलिए स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करना चाहिए। इस उम्र के बच्चों को मोबाइल, टैब या लैपटॉप पर ज्यादा समय नहीं बिताना चाहिए।

जरूरी टिप्स

सोने और जागने का एक निश्चित समय तय करें।

सोने से पहले मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम से दूर रहें।

रात को हल्का और पौष्टिक खाना दें।

सोने से पहले कहानी सुनाएँ या कोई आरामदेह गतिविधि करें।

कमरे का माहौल शांत और आरामदायक बनाएँ।

कभी-कभी अंदरूनी समस्याओं के कारण बच्चा ठीक से सो नहीं पाता। अगर नवजात शिशु सो नहीं पाता और जोर-जोर से चिल्लाता है, तो माता-पिता को उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

 

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