नई दिल्ली : कुछ लोगों की गर्दन पर हमेशा काली परत जमी रहती है। इस संकेत को हर कोई नज़रअंदाज़ कर देता है, लेकिन आपको समझना होगा कि यह लक्षण गंदगी या साफ़-सफ़ाई से जुड़ा नहीं है। काली गर्दन का मतलब सिर्फ़ ठीक से साफ़-सफ़ाई करना और नहाना नहीं है।
विशेषज्ञों के अनुसार काली गर्दन होने के कई गंभीर कारण हो सकते हैं। काली गर्दन हमें शरीर के अंदर हो रही समस्याओं की ओर इशारा करती है। काली गर्दन बीमारियों का संकेत है। इन्हें ठीक से समझना ज़रूरी है ताकि समय रहते इलाज शुरू किया जा सके। काली गर्दन डायबिटीज़ का सीधा संकेत है। इस कालेपन को दूर करने के लिए आपको घरेलू नुस्खों का सहारा लेने की बजाय डॉक्टर से सलाह लेने की ज़रूरत है। आइए विशेषज्ञ से समझते हैं।
इंसुलिन प्रतिरोध का मतलब है कि आपके खून में शुगर की मात्रा बढ़ रही है। इससे गर्दन काली पड़ने लगती है, जो डायबिटीज़ का शुरुआती संकेत है। मेडिकल भाषा में इसे एकेंथोसिस निग्रिकेंस कहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह संकेत डायबिटीज़ का पता लगाने का सबसे आम और आसान तरीका है। उनके अनुसार यह ऐसा लक्षण है जो बच्चों में बचपन से ही दिखने लगता है। मधुमेह के कारण जो गर्दन काली पड़ गई है उसे गंदगी नहीं कहते।
बार-बार भूख लगना
मुँह सूखना
त्वचा में खुजली
देखने में कठिनाई
बार-बार पेशाब आना
मधुमेह की जाँच कैसे करें?
मधुमेह का पता लगाने के लिए ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट और HbA1c टेस्ट किया जाता है। Hba1c टेस्ट के परिणाम जल्दी प्राप्त होते हैं।
संतुलित आहार लें
व्यायाम करें
पर्याप्त पानी पिएं
तनाव से बचें
प्रोसेस्ड फूड खाने से बचें
काली गर्दन के अन्य कारण
काली गर्दन गैस्ट्राइटिस का भी संकेत है।
यह वजन बढ़ने का भी संकेत है।
हाइपोथायरायडिज्म।
पीसीओएस में भी गर्दन काली होने लगती है।
काली गर्दन को कैसे साफ करें?
हालांकि डायबिटीज के कारण काली गर्दन का गंदगी से कोई संबंध नहीं है। लेकिन काली त्वचा अच्छी नहीं लगती। इसे हल्का करने के लिए आप कुछ तरीके अपना सकते हैं। जैसे:
दही, बेसन और हल्दी का पेस्ट लगाएं।
गर्दन को एक्सफोलिएट करें।
हार्मोनल संतुलन बनाए रखें।
गर्दन के आसपास की चर्बी कम करें।
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