नई दिल्ली: सूरज, जो लगभग 4.5 अरब साल से पृथ्वी को रोशनी और ऊर्जा दे रहा है, पृथ्वी से लगभग 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे एक विशाल आग का गोला माना जाता है, जिसमें लगभग 71% हाइड्रोजन, 26.5% हीलियम और 2.5% अन्य तत्व होते हैं। इसकी सतह पर हाइड्रोजन, हीलियम, सल्फर, लोहा, ऑक्सीजन, मैग्नीशियम, सिलिकॉन और क्रोमियम जैसे तत्व पाए जाते हैं। सूरज के केंद्र में हाइड्रोजन से लेकर कार्बन और नाइट्रोजन तक कई तत्व मौजूद हैं, जो इसे जलने और चमकने में मदद करते हैं।
सूरज के बारे में हमेशा से कई सवाल उठते रहे हैं। वहीं एक ऐसा ही सवाल है कि अगर कोई पानी से भरा ग्रह सूरज से टकरा जाए तो क्या होगा? वैज्ञानिकों ने अभी तक ऐसे कई ग्रहों की खोज की है, जिनमें पानी मौजूद है। एक ऐसा ग्रह जीजे 1214 है, जिसे सुपर अर्थ कहा जाता है। यह पृथ्वी से ढाई गुना बड़ा और आठ गुना भारी है और इस पर 75% पानी है। वहीं अगर यह ग्रह सूरज से टकराता, तो यह सूरज के सामने काफी छोटा पड़ जाएगा, क्योंकि सूरज के आसपास कोई भी ग्रह इतना बड़ा नहीं है जो उससे टकरा सके। लेकिन यदि बहुत सारे पानी से भरे ग्रहों का मिश्रण सूरज से टकराए, तो इसका प्रभाव गहरा हो सकता है.
इससे सूरज बुझने की बजाय और तेज़ जलने लगेगा, क्योंकि सूरज में प्लाज्मा होता है और उसे जलने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होती। पानी में मौजूद हाइड्रोजन सूरज के लिए फ्यूल का काम करेगा, जिससे उसकी ऊर्जा और बढ़ेगी। इससे सूरज का आकार भी बड़ा हो जाएगा और उसकी चमक और गर्मी में वृद्धि होगी, लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव यह होगा कि उसकी उम्र कम हो जाएगी। इसके कारण पांच अरब साल की बजाय सूरज की उम्र घटकर एक अरब साल तक रह सकती है।
अगर ऐसा हुआ तो पृथ्वी के लिए खतरा बढ़ जाएगा, क्योंकि सूरज के आकार के बढ़ने से धरती के नजदीक आने की संभावना बढ़ जाएगी। इससे पृथ्वी पर तापमान अचानक बढ़ेगा और जीवन के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
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