October 11, 2024
Advertisement
कौन बनते है प्रेत, किन पर हावी होते है भूत ?

कौन बनते है प्रेत, किन पर हावी होते है भूत ?

  • WRITTEN BY: Manisha Shukla
  • LAST UPDATED : September 18, 2024, 10:41 pm IST
  • Google News

नई दिल्ली: मान्यताओं के अनुसार अधूरी इच्छाओं की व्याकुलता जीव को मृत्यु के बाद भी चैन नहीं लेने देती और सूक्ष्म शरीर में होते हुए भी वह किसी न किसी को माध्यम बनाकर अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने का प्रयास करता है। जब व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर, तनावग्रस्त या अत्यधिक डरा हुआ होता है तो उसका मन कमजोर हो जाता है और मन कमजोर होते ही वह आसपास के वातावरण में मौजूद नकारात्मक शक्तियों जैसे भूत-प्रेत आदि से प्रभावित हो जाता है।

भूत-प्रेत क्या होते हैं? एक तार्किक विश्लेषण...
खराब ग्रह स्थिति या कमजोर मानसिक स्थिति में व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है, जिसके कारण वह बाहरी नकारात्मक शक्तियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। मानसिक कमजोरी व्यक्ति को नकारात्मक सोच की ओर आकर्षित करती है। जब व्यक्ति क्रोध, अवसाद या ईर्ष्या जैसी नकारात्मक भावनाओं से घिरा होता है तो वह खुद को नकारात्मक शक्तियों से घिरा हुआ महसूस करता है, इस स्थिति को व्यक्ति पर भूत-प्रेत के प्रभाव के रूप में देखा जाता है।

अशांत एवं संदिग्ध मानसिक स्थिति वाले लोग

 

भूत-प्रेत क्या होते हैं? एक तार्किक विश्लेषण...

कुछ लोग इस बात को लेकर भ्रमित रहते हैं कि मृत्यु के बाद आत्मा का अस्तित्व समाप्त हो जाता है या नहीं। कुछ लोग भूत-प्रेत पर विश्वास करते हैं तो कुछ इससे इनकार करते हैं। शोधों से पता चला है कि कमजोर मानसिक स्थिति वाले लोग ही भूत-प्रेतों की सवारी बनते हैं। दृढ़ इच्छाशक्ति और दृढ़ मनोबल वाले व्यक्ति पर भूत-प्रेत अपना आधिपत्य स्थापित नहीं कर पाते हैं। अशांत एवं संदिग्ध मानसिक स्थिति वाले लोग प्रायः भूतों के न होने पर भी उनसे प्रभावित हो जाते हैं।

मोक्ष नहीं मिलता

ज्योतिष अनुसार कैसे पहचानें आपकी कुंडली में प्रेत दोष है या नहीं

भूतों के अस्तित्व से संबंधित प्रचलित कहानियों एवं कथाओं के संदर्भ में एक तत्व सदैव यह सामने आता रहा है कि जो लोग मृत्यु के समय बहुत भावुक होते हैं, वे अपनी मानसिक स्थिति भूतों के रूप में दर्शाते हैं। उदाहरण के लिए, धन एवं संपत्ति से अत्यधिक प्रेम करने वाला व्यक्ति मृत्यु के समय उन वस्तुओं के प्रति अत्यधिक आसक्ति प्रदर्शित करता है, जिसके कारण मृत्यु के पश्चात जब वह इन वस्तुओं से अलग हो जाता है, तथा उसे मोक्ष नहीं मिलता, तो वह व्यक्ति भूत बन जाता है तथा उन स्थानों के आसपास ही भटकता रहता है। यह आवश्यक नहीं है कि प्रत्येक व्यक्ति ही उपद्रवी भूत बने, वह पिता के रूप में दयालु, मार्गदर्शक एवं उदार भी बन सकता है।

 

यह भी पढ़ें :-

जंगल में मिली ‘दूसरी दुनिया’: रहस्यमयी सुरंग का डरावना सफर

Tags

विज्ञापन
विज्ञापन

शॉर्ट वीडियो

विज्ञापन

लेटेस्ट खबरें

विज्ञापन
विज्ञापन