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अनोखा नियम! इस स्कूल में पहली बार बनी थी चौथी पास टीचर, होती थी अंग्रेजी में पढ़ाई

जयपुर: समाज में टीचर्स का बहुत बड़ा योगदान होता है. वो बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें कई तरह के सामाजिक ज्ञान भी देते हैं.

First government school
inkhbar News
  • September 6, 2024 3:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

जयपुर: समाज में टीचर्स का बहुत बड़ा योगदान होता है. वो बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें कई तरह के सामाजिक ज्ञान भी देते हैं. सरकार ने गरीब बच्चों के लिए देश में कई सरकारी स्कूल खोले हैं, जिनमें सरकारी टीचर पढ़ाते है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से कई सालों पहले जब अंग्रेजों की शासन हुआ करती थी तब कैसे सरकारी स्कूल होते थे?

आपको बता दें कि राजस्थान के गंगापुर में राज्य का पहला सरकारी स्कूल अंग्रेजों ने खोला था, जिसमें अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई हुआ करती थी. हिस्टोरियन डॉ गोपीनाथ की किताब में ‘हमारा गंगापुर’ की चर्चा की गई है, जिसमें बताया गया कि इस स्कूल में किस तरह उस समय पढ़ाई हुआ करती थी.

इतिहास

किताब के अनुसार जयपुर स्टेट ने साल 1899 में गंगापुर में पहला सरकारी स्कूल खोला था और ये स्कूल इंग्लिश मीडियम था. ये स्कूल आज भी आपको कैलाश टॉकीज के पास देखने को मिल जाएगा. शुरूआती सरकारी स्कूलों में अधिकतर पुरुषों की पढ़ाई हुआ करते थे. इसके बाद साल 1930 में पहली कन्या सरकारी स्कूल की शुरुआत की गई थी जो मुनीमों की हवेली में स्कूल चलाया जाता था. शुरुआत के समय में करीब 50 लड़कियां इसमें पढ़ने आती थी. इसमें महिला अध्यापकों को ही पढ़ाने की अनुमति थी, वहीं इस स्कूल में जो पहली टीचर( श्रीमती द्रोपदी देवी गोयल) बनी थी वो चौथी पास थी.

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