नई दिल्ली। भारत के ग्रामीण क्षेत्र हो या फिर शहरी क्षेत्र, सांप के काटने का डर सबको होता है। अगर इस हिसाब से देखा जाए तो भारत में हर साल लगभग 1 लाख 40 हजार से ज्यादा मौतें सांप के काटने से होती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए भारतीय शोधकर्ताओं का कहना है कि घर पर बैठकर भी सांप के जहर को शरीर से दूर किया जा सकता है।
सांप के काटने पर अब तक भारत में एंटीवेनम का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब इसे इंजेक्शन के रूप में किया जायेगा। ई-बायोमेडिसिन की एक रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यूनिथिओल नामक दवा से सांप के जहर को खत्म किया जा सकता है। अब तक इसका इस्तेमाल धातु विषाक्तता के उपचार के लिए होता आया है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, उन्होंने कहा है कि सांपों के जहर में मेटालोप्रोटीन एंजाइम पाया जाता है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इसके लिए इसे जिंक की जरूरत होती है, यूनिथिओल जिंक को शरीर से हटाकर जहर को फैलने से रोकता है। इस दवा को पानी के साथ भी खाया जा सकता है। साथ ही इसे स्टोर करने के लिए सामान्य तापमान की ही जरूरत है। यानी यह कैप्सूल फॉर्म में आ सकता है।
सांप के जहर को खत्म करने के लिए जितनी भी मेडिसिन तैयार की गई हैं, उन सभी को रखने के लिए एक तापमान की जरूरत होती है। जो दूर-दराज के गांवों में संभव नहीं होता है। इसी वजह से गांवों में सांप काटने से अधिक लोगों की मौत हो जाती है।
केन्या में 64 लोगों पर इस दवा का प्रयोग किया गया है। इन 64 लोगों ने सांप काटने के बाद यूनिथिओल का इस्तेमाल किया। इससे लोग ठीक हो गए हैं। इस दवा का इस्तेमाल कम और ज्यादा जहरीले सांपों के काटने के बाद भी किया जा सकता है।