नई दिल्ली: भारत में अब तक सांपों की लगभग 550 प्रजातियां पाई गई हैं, जिनमें से करीब 120 प्रजातियां केवल मध्य प्रदेश में मिल चुकी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इनमें से केवल 10 प्रजातियां ही अत्यधिक विषैली होती हैं, जिनके जहर से जानलेवा स्थिति बन सकती है। बाकी प्रजातियों के जहर में इतनी ताकत नहीं होती कि उनसे जान का खतरा पैदा कर सके। वहीं फिर भी सांप के काटने का डर कई बार लोगों के लिए जानलेवा साबित होता है, जबकि सांप ने इतना विष नहीं छोड़ा होता कि जान का खतरा हो। इस स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण होता है पीड़ित का धैर्य बनाए रखना।
विशेषज्ञों के अनुसार अगर किसी को सांप काट ले तो कुछ प्राथमिक उपायों से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, द्रोणपुष्पी नामक पौधा, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में गुम्मा भी कहा जाता है, उस दौरान बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। इसके पूरे पौधे का रस (सवरस) निकालकर पीड़ित को पिलाने से विष 10 मिनट में उतर सकता है।
वहीं एक और घरेलू उपाय यह है कि दंश वाले स्थान पर प्लस के आकार का कट लगाकर बारीक पिसे हुए बिना बुझे चूने को उस स्थान पर लगाएं और पानी की कुछ बूंदें डालें। तो ऐसा करने से चूना विष को खींच लेता है। इतना ही नहीं मोर पंख का उपयोग भी जहरीले सांप के काटने पर प्रभावी माना जाता है। इसके आँख वाले हिस्से को पीसकर पानी के साथ पिलाने से विष का प्रभाव कम हो सकता है।
इसके अलावा सांप के जहर को उतारने के लिए गिलोय की जड़ का रस भी कारगर साबित हो सकता है। अगर पीड़ित का शरीर नीला पड़ने लगे, तो गिलोय का रस कान, नाक और आँखों में डालना चाहिए। हालांकि इन उपायों के बाद, जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।
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