इस वजह से 74 वर्षीय बुजुर्ग स्टेशन पर बेचते हैं रुमाल, कहानी सबके लिए बनी प्रेरणा

नई दिल्ली: अगर आप किसी कारण वश निराश महसूस कर रहे हैं तो आज हम आपकी निराशा खत्म करने के लिए एक अच्छी कहानी लेकर आए है. प्रेरित करने वाली इस कहानी को ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे नाम के इंस्टाग्राम पेज द्वारा शेयर किया गया है. यह कहानी एक 74 वर्षीय बुजुर्ग हसन अली का है. हसन के मुताबिक जब जीवन की बात आती है तो लोग कुछ नियमों का पालन करते हैं. आपको इस उम्र तक पढ़ना है, उस उम्र तक काम करना है, इस उम्र तक रिटायर होना है और उस उम्र तक सबकुछ छोड़ देना है. मैं एक दशक पहले ‘रिटायरमेंट’ की उम्र में पहुंचा था. मैं एक जूते की दुकान पर सेल्समैन का काम करता था. अपने पूरे जीवन में मैंने यही किया है।

बेचना एक कला है. आपको यह जानने की जरूरत है कि वह व्यक्ति बिना कहे क्या चाहता है और उन्हें ठीक वैसा ही दें. मैंने वर्षों से ऐसा करना सीखा है. जब हम एक व्यक्ति को देखता हूं तो मुझे पता चल जाता है कि वे क्या चाहते हैं. और यही मैं आज भी करता हूं. मैं पिछले 17 साल से इस बाजार में रुमाल बेच रहा हूं और मेरे चारों ओर इन लड़कों को देख रहे हो? मैंने उन्हें बड़े होते देखा है. वे किशोर थे तब मैंने काम की शुरुआत की थी और अब उनके अपने परिवार हैं।

जहां तक मेरे परिवार की बात है तो मेरी एक प्यारी पत्नी, एक बेटा, एक बहू और एक पोती है. वे एकदम सही हैं. घर के सभी लोग मुझे रेस्ट करने के लिए कहते हैं. मेरा बेटा कहता है कि कितना काम करोगे, अब्बा? लेकिन मैं हमेशा उससे कहता हूं कि मुझे सक्रिय रहना है और बिस्तर पर नहीं जाना है।

मैं रोज अपने घर से बस पकड़कर मुंबई के बोरीवली स्टेशन पर रूमाल बेचने आता हूं. इन वर्षों में मैंने इतने सारे स्थायी ग्राहक बनाए हैं. वे सभी मुझे प्यार से काका बुलाते हैं और मुझे भी अपने सभी ग्राहकों के लिए समान प्रेम है. जब कुछ लोग रूमाल नहीं खरीद सकते तो मैं उन्हें छूट देता हूं और जब लोग मुझे बताते हैं कि वे रूमालों का उपयोग मंदिरों में कर रहे हैं, तो मैं उन्हें मुफ्त में देता हूं।

ये भी पढ़ें-

Adipurush Poster: ‘आदिपुरुष’ के नए पोस्टर में राम, सीता और लक्ष्मण के लुक पर उठे सवाल

2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष की भूमिका पर ममता बनर्जी का बड़ा बयान-” सबको एक होना होगा “

Latest news