बेंगलुरु : विधानसभा चुनाव में अब केवल 7 दिन का समय बचा हुआ है. 8 मई को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है. सभी पार्टियों के नेता जोर-शोर से प्रचार कर रहे है. 6 मई को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी कर्नाटक के हुबली में जनसभा को संबोधित करेगीं. कांग्रेस के लिए हुबली इसलिए महत्तवपूर्ण है क्योंकि बीजेपी से कांग्रेस में आए जगदीश शेट्टार हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट से चुनाव लड़ रहे है. शेट्टार लिंगायत सुमदाय के बड़े नेता माने जाते है इनका करीब 25-30 सीटों पर प्रभाव है. कांग्रेस के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार में लगे हुए है.
मौजूदा सयम में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे है और वे कर्नाटक से आते है. कांग्रेस ने 2 मई को अपना घोषणापत्र जारी किया था जिसमें उसमें कहा गया था कि सत्ता में आने के बाद पीएफआई और बजरंग दल पर बैन लगा दिया जाएगा. विधानसभा चुनाव में अब नया मोड़ आ गया है. बीजेपी के नेता कांग्रेस पर हमलावर हो गए है.
करीब 31 साल पहले भी कांग्रेस की सरकार बजरंग दल पर बैन लगा चुकी है. दरअसल ये पूरा मामला साल 1992 के राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा हुआ है जब 6 दिसंबर 1992 को एक उन्मादी भीड़ ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहा दिया था. इसके बाद कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार ने एक्शन लेते हुए पांच संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था जिसमें बजरंग दल भी शामिल था. जिन पांच संगठनों पर बैन लगाया गया था उनमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS), विश्व हिन्दू परिषद (VHP), इस्लामिक सेवक संघ, और जमात-ए-इस्लामी हिंद शामिल थे.
गौरतलब है कि, कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होगा. राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों पर एक ही दिन वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 13 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 104 सीटें जीती थी. वहीं कांग्रेस के खाते में 80 सीटे आई थी. जेडीएस ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 13 महीने में ही कुछ विधायकों के बागी होने के बाद सरकार गिर गई. जिसके बाद बागियों की मदद से बीजेपी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई.
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