जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार राज्य के अति पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए अतिरिक्त पदों पर भर्ती निकालने जा रही है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने गुरुवार को अति पिछड़ा वर्ग को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने के लिए 1025 अतिरिक्त पदों का सृजन करने की मंजूरी दी है. इन सृजित अतिरिक्त पदों को भविष्य में राज्य के विभिन्न विभागों में निकलने वाली सरकारी नौकरियों में समायोजित कर दिया जाएगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलवर जिले में मिनी सचिवालय बनाने के लिए ब्याज रहित लोन को भी मंजूरी दी है.
इससे पहले राजस्थान के कार्मिक विभाग ने 17 विभागों की लिस्ट बनाकर वित्त विभाग को भेजी थी, जिनमें अतिरिक्त पदों का सृजन करने की बात कही गई थी. वित्त विभाग की जिम्मेदारी खुद सीएम गहलोत के पास है. उन्होंने अति पिछड़ा वर्ग के लिए 1,025 अतिरिक्त पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
जिन पदों पर अतिरिक्त पद सृजन किए गए हैं उनमें 31 पदों पर पहले ही प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन हो चुका है. जबकि अन्य पदों पर भविष्य में भर्ती निकाली जाएगी. साथ ही राज्य सरकार अगले साल 2020 में ऊर्जा विभाग में हेल्पर के लिए भर्ती निकालने वाली है. इनमें कुल 94 पदों में से 15 पद इस भर्ती में समायोजित कर दिए जाएंगे.
गौरतलब है कि राजस्थान में अति पिछड़ा वर्ग में गुर्जर समेत पांच जातियां गाड़िया लुहार, बंजारा, रेबारी और राइका आती हैं. ये जातियां लंबे समय से अति पिछड़ा वर्ग में पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रही थी. गुर्जर आरक्षण के लिए राज्य में कई बार आंदोलन भी हुए थे. पिछले दिनों ही गुर्जर संघर्ष समिति ने राज्य सरकार से प्रक्रियाधीन भर्तियों में अति पिछड़ा वर्ग को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने की मांग की थी.
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