Marathi Language Row: मुंबई के एक बिजनेसमैन सुशील केडिया का ऑफिस हमले का शिकार बन गया है। आरोप है कि यह हमला मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के कार्यकर्ताओं ने किया है। बता दें, दो दिन पहले सुशील केडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा था कि ‘वे मराठी नहीं सीखेंगे’। जिसके बाद आज उनके ऑफिस पर ये हमला हुआ है। वहीं, हमले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग केडिया के स्टोर पर पत्थर फेंकते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं, एक सिक्योरिटी गार्ड उन्हें रोकने की कोशिश करता है, लेकिन उसे धक्का देकर पीछे कर दिया जाता है।
इस घटना के बाद सुशील केडिया ने फिर एक्स पर लिखा, “@RajThackeray जी, आपके सैकड़ों कार्यकर्ताओं की धमकियों से मैं मराठी नहीं सीख जाऊंगा। “अगर मैं मराठी अच्छे से नहीं बोल सकता और डर के माहौल में कुछ गलत बोल दिया तो और हिंसा बढ़ सकती है। इससे डर और बढ़ जाता है। लोगों को जोड़ने के लिए प्यार जरूरी है, न कि धमकी।”
मनसे कार्यकर्ताओं पर पहले भी आरोप
बता दें, इससे पहले मनसे कार्यकर्ताओं का एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे एक फूड स्टॉल वाले को थप्पड़ मारते नजर आ रहे थे, क्योंकि वह मराठी में जवाब नहीं दे पा रहा था। वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में पुलिस ने 7 कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया था।
3 जुलाई को सुशील केडिया ने X पर लिखा, “मैं पिछले 30 सालों से मुंबई में रह रहा हूं लेकिन मराठी नहीं सीख पाया। अब मैंने संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोग मराठी मानुष के नाम पर धमकाते रहेंगे, मैं मराठी नहीं सीखूंगा, क्या करना है बोल?” उन्होंने तंज कसते हुए लिखा। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं, और मुंबई पुलिस कमिश्नर और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सुरक्षा की मांग की।
A group of Maharashtra Navnirman Sena (#MNS) activists vandalised an office of prominent investor #SushilKedia on Saturday, a day after he said he would not learn #Marathi as a protest against the “gross misconduct” of party chief #RajThackeray. pic.twitter.com/TfUBWHy0jE
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) July 5, 2025
मुख्यमंत्री का बयान
इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, “मराठी भाषा पर गर्व करना गलत नहीं है, लेकिन भाषा के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो लोग हिंसा कर रहे हैं, उन्हें सजा जरूर मिलेगी।”
बता दें, सुशील केडिया के बयान ने सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक माहौल गर्म कर दिया है। एक तरफ भाषा के सम्मान की बात हो रही है, तो दूसरी तरफ लोगों की आजादी और सुरक्षा का सवाल भी खड़ा हो गया है।