Tamil Nadu Custodial Death: तमिलनाडु से पिछले दिनों आया पुलिसिया बर्बरता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पुलिस वाले जिस व्यक्ति को पीट रहे हैं उसकी मौत हो जाती है। इस वीडियो ने देश भर में सनसनी फैल गई और अब इसपर हाईकोर्ट भी एक्टिव हो गया है।
मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस हिरासत में 27 वर्षीय मंदिर सुरक्षा गार्ड की मौत पर कड़ा रुख अपनाया है और तमिलनाडु पुलिस पर कड़ी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने पुलिस की बर्बरता पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘सत्ता के नशे में चूर पुलिस ने’ 27 जून 2025 को मंदिर से आभूषण चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए अजीत कुमार पर बेरहमी से हमला किया।
यह ‘क्रूर हत्या’ है- मद्रास हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट ने इस घटना को ‘क्रूर हत्या’ करार देते हुए कहा कि राज्य ने अपने ही नागरिक की जान ले ली है। जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने मामले की सुनवाई की।जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने सुरक्षा गार्ड अजीत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर आश्चर्य जताया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गार्ड के शरीर पर 44 चोट के निशान पाए गए। अजीत के पूरे शरीर पर यातना के निशान हैं।
हाईकोर्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुए खुलासे पर संज्ञान लिया और कहा कि गार्ड की पीठ, मुंह और कान पर मिर्च पाउडर लगाया गया था। साथ ही हाईकोर्ट ने इस घटना की कड़ी आलोचना की और कहा कि पुलिस ने मिलकर इस काम को अंजाम दिया है, यह एक क्रूर हत्या है।
INDI Alliance cries “fascism”?
⁰Visit DMK-ruled Tamil Nadu.🔴 Ajith – custodial death victim⁰👉 Brutally beaten by TN Police⁰👉 Chilli powder in private parts⁰👉 Cold-blooded murder, not accident
Hey @RahulGandhi, when are you visiting his family?pic.twitter.com/YKNNvkBp9H
— THESingh (@IamVishnu_Singh) July 1, 2025
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गंभीर चोटें
हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के सामाजिक प्रगति के दावों पर भी सवाल उठाए। हाईकोर्ट ने कहा कि दक्षिणी राज्यों का कहना है कि दक्षिण में साक्षरता दर कुछ उत्तर भारतीय राज्यों से अधिक है। लेकिन, उत्तरी राज्यों में ऐसी चीजें नहीं होती हैं। तमिलनाडु राज्य का कहना है कि वह एक अग्रणी राज्य है। अगर ऐसा है, तो इस तरह की हरकतें कैसे होने दी जा सकती हैं। तमिलनाडु एक शैक्षणिक रूप से विकसित राज्य है और यहां इस तरह की हरकतें होना खतरनाक है, खासकर किसी पुलिस स्टेशन में।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों की याददाश्त कमजोर नहीं है, उन्हें अभी भी जयराज और बेनिक्स मामले याद हैं।
‘यह कोई सामान्य हत्या नहीं है’
जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने लताड़ लगते हुए कहा कि कोई सामान्य हत्यारा भी इस तरह की हरकतें नहीं करता। यह बर्बता है। अजीत का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, और वह परिवार का सबसे बड़ा बेटा था जिसकी कमाई से परिवार चलता था। 2004 में उनके पिता का निधन हो गया था।
जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी और वरिष्ठ अधिकारियों की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने मंदिर और थाने की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। उन्होंने फुटेज को तुरंत न्यायिक जांचकर्ता को सौंपने का भी आदेश दिया है।
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हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है और कहा है कि जांच केवल निचले स्तर के पुलिसकर्मियों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, इसमें शामिल सभी उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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