Chirag Paswan: तेजस्वी यादव लगातार वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन मुद्दे पर एनडीए पर हमला बोल रहे हैं और कह रहे हैं कि चुनाव आयोग एनडीए के इशारे पर काम कर रहा है। इसको लेकर लोक जनशक्ति रामविलास पासवान सुप्रीमो चिराग पासवान ने आरजेडी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये जानकारी हासिल करने का विषय है, लेकिन ये अध्ययन का विषय है, लेकिन वो और उनकी पार्टी अध्ययन से दूर रहती है।
चिराग पासवान ने क्या कहा?
चिराग पासवान ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत समय-समय पर ये प्रक्रिया अपनाई जाती है। ऐसा होना भी चाहिए, क्योंकि इससे फर्जीवाड़ा नहीं होता। जिन मतदाताओं का निधन हो चुका है, उनके नाम भी वोटर लिस्ट में रह जाते हैं, ऐसे में उनकी जगह दूसरे लोग वोट देने चले जाते हैं और सही मतदाता अपना वोट नहीं डाल पाते। इसलिए ये प्रक्रिया बिल्कुल सही है, जिन लोगों को इस प्रक्रिया से दिक्कत हो रही है। उन्हें पहले से ही डर है कि हम हार जाएंगे, इसलिए वो पहले से ही बहाने ढूंढ रहे हैं। नवंबर में जब नतीजे आएंगे, तो उन्हें जनता के सामने पेश करने के लिए कोई बहाना ढूंढ लेना चाहिए। ये लोग पहले से ही ईवीएम पर सवाल उठाते रहे हैं, इसलिए अब इन्हें एक और बहाना मिल गया है। ये लोग चुनाव आयोग को दोषी ठहराकर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं।
वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर कही ये बात
तेजस्वी यादव द्वारा वोटरों की समस्या पर उठाए गए सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी लेनी चाहिए। इसके लिए जानकारी लेना जरूरी है, इसमें आपको या सभी नेताओं को तत्परता दिखानी होगी। फॉर्म क्या हैं, तीन तरह के फॉर्म हैं, फॉर्म में दिखाया गया है कि 2003 से पहले जो वोटर लिस्ट में थे उनके लिए अलग फॉर्म है, जो नई लिस्ट में शामिल होना चाहते हैं उनके लिए अलग फॉर्म है।
तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि आप जाकर जानकारी लें और देखें कि उसमें क्या है और क्या नहीं है। कौन सा फॉर्म आपके वोटर के लिए उपयुक्त है, लेकिन ये लोग इतना भी नहीं करेंगे क्योंकि ये शिक्षा का मामला है और ये और इनकी पार्टी शिक्षा से दूर रहती है।
चिराग का तेजस्वी पर हमला
वहीं, तेजस्वी यादव के बयान पर कहा कि इन लोगों ने जो 20 साल में किया है, हम उसे 20 महीने में कर देंगे। इस पर चिराग पासवान ने कहा कि जब वे इतने महीनों की बात कर रहे हैं, तो वे भूल जाते हैं कि बिहार की जनता ने उनके माता-पिता को 15 साल तक मौका दिया था। उस दौरान जिस तरह से इन लोगों ने बिहार को बर्बाद करने का काम किया, उसका नतीजा यह है कि आज भी उस समय बिहार से पलायन करने वाले लोगों को कई साल बीत गए, लेकिन आज तक वे वापस नहीं लौटे। आज भी उन्हें बिहार से डर लगता है।