Electricity Workers United Against Electricity Privatization: गोरखपुर समेत पूरे देश में बिजली वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का आंदोलन तेज हो गया है। बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर देशभर के 27 लाख बिजली कर्मचारी 9 जुलाई को एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर रहेंगे। इससे पहले 2 जुलाई को देशभर में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से जुड़े 42 जिलों में निजीकरण के खिलाफ केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को नोटिस भेजा गया है, जिसकी प्रतिलिपि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी दी गई है।
बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर निजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई तो पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा। केंद्रीय पदाधिकारियों का दौरा शुरू आंदोलन की तैयारी के तहत संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने जिलों और परियोजनाओं का दौरा शुरू कर दिया है। 30 जून को झांसी व परीक्षा ताप विद्युत परियोजना, एक जुलाई को कानपुर, केस्को व पनकी ताप विद्युत परियोजना में जनसभाएं होंगी।
गोरखपुर में हुई बैठक, चेयरमैन की निंदा
गोरखपुर में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बैठक कर पावर कारपोरेशन चेयरमैन की कार्यशैली की निंदा की। इंजी. पुष्पेंद्र सिंह, इंजी. जीवेश नंदन, इंजी. जितेंद्र गुप्ता समेत कई पदाधिकारियों ने कहा कि आपातकाल जैसे हालात पैदा किए जा रहे हैं। सभी जिलों में संकल्प लिया गया कि निजीकरण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होते ही सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा।
एफआईआर व तबादले से नहीं रुकेगा आंदोलन
समिति ने यह भी आरोप लगाया कि आंदोलन को दबाने के लिए बिजली कर्मचारियों का तबादला किया जा रहा है और आला अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। लेकिन कर्मचारियों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। पूरे सप्ताह विरोध सभाएं व तैयारियां जारी रहेंगी।