Home > देश > ‘कभी हज यात्रा पर…’, ‘कांवड़ यात्रा पर उंगली उठाने वालों पर ये क्या बोल गए धीरेंद्र शास्त्री, मच जाएगा बवाल

‘कभी हज यात्रा पर…’, ‘कांवड़ यात्रा पर उंगली उठाने वालों पर ये क्या बोल गए धीरेंद्र शास्त्री, मच जाएगा बवाल

धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, "अब जो लोग कांवड़ यात्रा पर उंगली उठा रहे हैं, हमें लगता है कि वे निश्चित रूप से मानसिक रूप से बीमार हैं। वे पागल हैं। कांवड़ यात्रा भगवान महादेव के प्रति भक्ति का प्रतीक है। अब कोई कैसे जा रहा है यह उसकी निजी आस्था है, लेकिन हमें नहीं लगता कि किसी की आलोचना की जानी चाहिए।

Published By: Ashish Rai
Last Updated: July 2, 2025 20:53:27 IST

Dhirendra Krishna Shastri: बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ‘कांवड़िये उपद्रव करते हैं’ जैसे बयानों पर भड़क गए। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सनातन की आलोचना करना बहुत आसान हो गया है। सनातन एक आसान निशाना है। हज यात्रा पर कभी कोई उंगली नहीं उठाई जाती। जकात पर कभी कोई उंगली नहीं उठाई जाती।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, “रोजा पर कोई उंगली नहीं उठाई जाती। लेकिन जब दिवाली आएगी तो प्रदूषण होगा। जब होली आएगी तो पानी की बर्बादी होगी। जब कांवड़ यात्रा होगी तो कई तरह की चीजें होंगी। सभी धर्मों में हर तरह के लोग होते हैं। ऐसा नहीं है कि सब कुछ ठीक है। कुछ अच्छे होते हैं, कुछ बुरे। सभी में कुछ होते हैं। सभी धर्मों में अच्छे और बुरे लोग होते हैं।”

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 सनातन धर्म को बनाया गया सॉफ्ट टारगेट – धीरेंद्र शास्त्री

आगे उन्होंने कहा, “संतों की पंक्ति में भी अच्छे और बुरे लोग होते हैं। कुछ साधु होते हैं तो कुछ असाधु। नेता भी होते हैं, अभिनेता भी होते हैं। इसके बाद भी सनातन धर्म पर उंगली उठाना यह साबित करता है कि सनातन धर्म को सॉफ्ट टारगेट बनाया गया। सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था डगमगा जाए, सनातन में लोगों में विद्रोह पैदा हो जाए, इसलिए बार-बार भगवान पर, कभी मंदिरों पर, कभी त्योहारों पर, कभी सनातन की परंपरा पर टिप्पणी की जाती है।” 

‘कांवड़ यात्रा पर उंगली उठाने वाले मानसिक रूप से बीमार हैं’

धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, “अब जो लोग कांवड़ यात्रा पर उंगली उठा रहे हैं, हमें लगता है कि वे निश्चित रूप से मानसिक रूप से बीमार हैं। वे पागल हैं। कांवड़ यात्रा भगवान महादेव के प्रति भक्ति का प्रतीक है। अब कोई कैसे जा रहा है यह उसकी निजी आस्था है, लेकिन हमें नहीं लगता कि किसी की आलोचना की जानी चाहिए। अगर किसी पर एक उंगली उठाई जाती है, तो तीन उंगलियां अपने आप ही अपनी ओर उठ जाती हैं।”

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