Baba Ramdev: कांवड़ यात्रा की तैयारियों के बीच एक पुराना विवाद एक बार फिर चर्चा में है। बता दें, कुछ टाइम पहले ढाबा और होटल मालिकों द्वारा अपने व्यापार के नाम बदलने का मुद्दा काफी गरमाया था। वहीं, अब इस मुद्दे पर योग गुरु बाबा रामदेव ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि नाम बदलना न तो धार्मिक रूप से सही है, न ही व्यावहारिक रूप से, हर किसी को अपने धर्म और पहचान पर गर्व होना चाहिए। हरिद्वार में मीडिया से बात करते हुए बाबा रामदेव ने कहा, “जैसे हमें हिंदू होने पर गर्व है, वैसे ही मुसलमानों को भी अपने धर्म पर गर्व होना चाहिए।”
इस मुद्दे को लेकर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कई बार कांवड़ यात्रा के समय कुछ मुस्लिम ढाबा या होटल मालिक अपने नाम बदल लेते हैं ताकि कांवड़ियों को आकर्षित कर सकें। इस पर बाबा रामदेव ने कहा, “सभी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू ही थे। इसलिए किसी को अपने नाम या पहचान को छिपाने की जरूरत नहीं है। अगर खाना अच्छा होगा और लोग संतुष्ट होंगे और लोग अपने आप आपके ढाबे पर आएंगे, नाम बदलकर बिजनेस करना सही नहीं है।”
मुजफ्फरनगर में उठा था विवाद
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जहां ‘पंडित जी वैष्णो ढाबा’ के नाम को लेकर विवाद हुआ था। ढाबा मालिक दीक्षा शर्मा और संचालक सनावर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। आरोप है कि पूर्व मैनेजर धर्मेंद्र ने जब ढाबे की सच्चाई बताई तो उसकी पिटाई कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
मराठी-हिंदी विवाद पर भी बोले रामदेव
महाराष्ट्र में चल रहे मराठी बनाम हिंदी विवाद पर भी बाबा रामदेव ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश की हर भाषा का सम्मान होना चाहिए, लेकिन भाषा, धर्म या जाति के नाम पर हिंदुओं को आपस में नहीं लड़ना चाहिए। इससे हमारी राष्ट्रीय एकता और सनातन संस्कृति को नुकसान पहुंचता है। बाबा रामदेव का साफ संदेश है कि देश में हर धर्म और हर भाषा का सम्मान होना चाहिए। नाम बदलकर व्यवसाय करना केवल भ्रम फैलाने जैसा है। अगर सेवा और गुणवत्ता अच्छी होगी, तो ग्राहक खुद-ब-खुद जुड़ेंगे, नाम बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।