Asaduddin Owaisi: एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि भारत में बांग्लादेशी प्रवासियों की घुसपैठ को लेकर शोर मचाने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों और चीन द्वारा बनाए जा रहे एयरबेसों को नजरअंदाज कर रही है। ओवैसी ने चिंता जताई है कि पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नेता मिल रहे हैं, चीन एयरबेस बना रहा है, अगर अब युद्ध हुआ तो वे तीनों तरफ से भारत पर हमला करेंगे, लेकिन भाजपा इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
‘सीमा पर पैदा हो रहे खतरों पर भाजपा ध्यान नहीं दे रही’
रविवार (29 जून, 2025) को परभणी में एक रैली को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भाजपा नेता भारत के पड़ोसी देशों की सीमाओं पर पैदा हो रहे हालात को समझने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘वे (भाजपा नेता) भारत में अवैध रूप से बस रहे बांग्लादेशियों की बात करते रहते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, खुफिया एजेंसियां और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) क्या कर रहे हैं?’
ओवैसी ने जताई चिंता
ओवैसी ने दावा किया कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार (बांग्लादेश में) के सत्ता में आने के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान की नौसेनाएं संयुक्त युद्ध अभ्यास कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तानी नेता अपने बांग्लादेशी समकक्षों से मिल रहे हैं और चीन बांग्लादेश सीमा पर अपना एयरबेस बना रहा है। अगर युद्ध छिड़ता है, तो यह तीन मोर्चों तक फैल जाएगा। इन खतरों पर विचार करने के बजाय, भाजपा कार्यकर्ता सिर्फ बांग्लादेश से अवैध अप्रवास की बात करते रहते हैं।’
ओवैसी ने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा को प्राथमिकता देने का समर्थन करने वाले लोगों के विरोध के बाद राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को स्कूलों में तीन-भाषा फार्मूले को लागू करने से संबंधित दो सरकारी आदेशों को रद्द करना पड़ा। ओवैसी ने कहा कि विविधता भारत की पहचान और विशेषता है।
मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे के समर्थन में ओवैसी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कहता है कि भारत में एक भाषा, एक संस्कृति और एक विचारधारा होगी, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो भारत एक तानाशाही राज्य बन जाएगा। हम ऐसा नहीं होने देंगे। भारत विभिन्न रंगों का प्रतिनिधित्व करता है और हम सुनिश्चित करेंगे कि यह ऐसा ही रहे।’ ओवैसी ने मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे के प्रति भी अपना समर्थन व्यक्त किया, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे हैं।