नई दिल्ली: हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है, जो शरीर के विभिन्न अंगों पर गहरा असर डालती है। जब शरीर में रक्त का दबाव सामान्य स्तर 90/140 से अधिक हो जाता है, तो रक्त धमनियों में अत्यधिक दबाव पैदा करता है। हालांकि दिन भर में ब्लड प्रेशर में बदलाव स्वाभाविक है, लेकिन यदि यह लंबे समय तक बढ़ा हुआ रहता है, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, और हृदय संबंधी अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर के मुख्य कारणों में ख़राब जीवनशैली और अनियमित दिनचर्या शामिल हैं। अनियमित खान-पान, तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी जैसी आदतें इस समस्या को बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा, उम्र बढ़ने और पारिवारिक इतिहास (जेनेटिक फैक्टर) भी हाई ब्लड प्रेश का कारण बन सकता हैं।
ब्लड प्रेशर बढ़ने से धमनियों की कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं, जिससे धमनियों में उभार आ सकता है। यह स्थिति एन्यूरिज्म कहलाती है, जो अगर फट जाए तो यह अत्यंत खतरनाक हो सकती है और जानलेवा साबित हो सकती है।
उच्च रक्तचाप के कारण दिल की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दिल को सामान्य रूप से काम करने में कठिनाई होती है। लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहने से हार्ट फेल्योर की समस्या हो सकती है, जिसमें दिल शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार रक्त की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हो पाता है।
हाई ब्लड प्रेशर के कारण धमनियों की दीवारें मोटी और सख्त हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आ सकती है। यह स्थिति हार्ट अटैक का कारण बनती है और हृदय संबंधी अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ाती है।
उच्च रक्तचाप का प्रभाव केवल हृदय तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि यह मस्तिष्क पर भी असर डालता है। इसका असर व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता पर पड़ता है। इससे याददाश्त में कमी और सीखने की क्षमता कमजोर हो सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तनाव को नियंत्रित करना इससे बचाव के मुख्य उपाय हैं।
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