Cause Of Breast Cancer: कुछ समय पहले किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि खाने की पैकेजिंग में जो कागज और प्लास्टिक इस्तेमाल होते हैं उनमें मौजूद रसायन ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरे कई गुना बढ़ा सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्लास्टिक में करीब 200 ऐसे रसायन पाए गए हैं जो ब्रेस्ट कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इन रसायनों का इस्तेमाल कागज, कार्डबोर्ड और प्लास्टिक जैसी खाद्य पैकेजिंग सामग्री (FCM) में किया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब इन पैकेजिंग में खाना पैक किया जाता है तो इन जहरीले पदार्थों के खाने में मिल जाने की संभावना बढ़ जाती है। ये शरीर में पहुंचकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा पैदा कर सकते हैं।
स्विट्जरलैंड स्थित फूड पैकेजिंग फोरम की प्रबंध निदेशक और मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी जेन मुनके ने कहा है कि “दुनिया भर में इस्तेमाल की जाने वाली कई पैकेजिंग सामग्री में 100 से ज्यादा कैंसरकारी रसायन पाए गए हैं। ये रसायन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं और हमें ऐसी पैकेजिंग से सावधान रहना चाहिए।”
अध्ययन के अनुसार, स्तन कैंसर के लगभग 76 रासायनिक तत्वों के प्रमाण मिले हैं, जिनमें से 80% से अधिक प्लास्टिक से संबंधित हैं। पूरी दुनिया में प्लास्टिक पैकेजिंग का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें न केवल ठंडा बल्कि गर्म खाना भी पैक किया जाता है। इससे प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक रसायन सीधे खाने में घुलकर शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्तन कैंसर फैलाने वाले कुछ प्रमुख रसायनों में बेंजीन भी शामिल है, जो जानवरों में स्तन कैंसर का कारण बनता है। इसके अलावा 4,4′-मेथिलीनबिस-(2-क्लोरोएनिलिन), 2,4-टोल्यूनेडायमाइन और ओ-टोल्यूडीन जैसे रसायन भी कैंसर के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में दुनिया भर में 2.3 मिलियन महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हैं। वहीं, यह संख्या लगातार बढ़ रही है। पुरुषों को भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है, हालांकि यह दुर्लभ है। खाने की पैकेजिंग से बचने के लिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बाहर से खाना पैक करते समय मेटल टिफिन का इस्तेमाल सबसे सुरक्षित विकल्प हो सकता है। इसके अलावा प्लास्टिक में गर्म खाना पैक करने से भी बचना चाहिए। ये आसान उपाय कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।
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