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बच्चे को बॉटल से दूध पिलाना सेहत के लिए खतरनाक, हो सकता है कई बीमारियों का शिकार

इससे बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है. आजकल व्यस्त जीवनशैली के कारण कई बार कामकाजी महिलाएँ अपने बच्चों को स्तनपान कराने के बजाय बॉटल से दूध पिलाती हैं, जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.

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  • January 19, 2025 1:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 weeks ago

नई दिल्ली: छोटे बच्चों के लिए मां का दूध सबसे अधिक पौष्टिक माना जाता है. यह उनके समग्र स्वास्थ्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि बच्चा जितना अधिक मां का दूध पीएगा, उसका विकास उतना ही बेहतर होगा. इससे बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है. आजकल व्यस्त जीवनशैली के कारण कई बार कामकाजी महिलाएँ अपने बच्चों को स्तनपान कराने के बजाय बॉटल से दूध पिलाती हैं, जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है. इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.

बच्चे को बॉटल का दूध कब देना चाहिए?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार नवजात बच्चे को पहले 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए. इससे बच्चों का विकास सही ढंग से होता है. उनका शरीर मजबूत होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. यदि किसी कारण से मां को दूध कम बन रहा हो या नहीं मिल पा रहा हो, यानी स्तनपान कराना संभव न हो तो जन्म के दो या तीन सप्ताह बाद बोतल से दूध दिया जा सकता है. यह केवल एक अस्थायी उपाय है, कम से कम छह महीने तक इससे बचने की कोशिश करनी चाहिए.

बॉटल से दूध पिलाने के खतरे

1. कमजोर हो जाती है इम्यूनिटी

जब बच्चे मां का दूध पीते हैं तो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो जाती है. जब बच्चे को स्तनपान की जगह बॉटल से दूध पिलाया जाता है तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है. जिसके कारण वह बार-बार सर्दी, खांसी और बुखार जैसी समस्याओं का शिकार हो सकता है.

2. बढ़ सकता है मोटापा

छोटे बच्चों को बॉटल का दूध पिलाने से उनमें मोटापा बढ़ सकता है. खासकर जब बच्चों को जानवर या पाउडर वाला दूध पिलाया जाता है. जानवरों के दूध में वसा की मात्रा अधिक होती है, जिससे बच्चे का वजन काफी बढ़ सकता है.

3. धीमी हो सकती है ग्रोथ

बॉटल का दूध पीने से बच्चों का विकास धीमा हो सकता है. बॉटल के दूध से बच्चों के शरीर में माइक्रोप्लास्टिक प्रवेश कर सकता है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास धीमा हो सकता है. इससे उनका संपूर्ण स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है.

4. कमजोर हो सकते हैं फेफड़े

रबर निपल्स वाली बॉटल से दूध पीने से बच्चों के फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है. इससे फेफड़े कमजोर हो सकते हैं. जिससे बच्चे को सांस संबंधी समस्या हो सकती है. कई मामलों में इससे निमोनिया का खतरा भी बढ़ सकता है।

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