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इस मकर संक्रांति पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका विशेष महत्त्व

पूरे देश में मकर संक्रांति का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर स्नान-दान का भी काफी महत्व है। घर-घर में मकर संक्रांति के त्योहार की सारी तैयारी हो चुकी हैं। इस साल की मकर संक्रांति पर 19 वर्ष बाद काफी दुर्लभ संयोग बन रहा है।

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Makar Sankranti
  • January 13, 2025 10:02 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली: पूरे देश में मकर संक्रांति का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर स्नान-दान का भी काफी महत्व है। घर-घर में मकर संक्रांति के त्योहार की सारी तैयारी हो चुकी हैं। इस साल की मकर संक्रांति पर 19 वर्ष बाद काफी दुर्लभ संयोग बन रहा है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। वहीं, सूर्य देव की उपासना करने से आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। आइए जनते हैं इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि?

मकर संक्रांति तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व माघ माह की प्रतिपदा तिथि पर मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन धनु राशि से निकलकर आत्मा के कारक सूर्य देव मकर राशि में गोचर करेंगे। इस प्रकार 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। मकर संक्रांति की तिथि का आरंभ और पुण्य काल प्रातः काल 09 बजकर 03 मिनट से लेकर संध्याकाल 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान कर सकते हैं। वहीं सुबह 09 बजकर 03 मिनट से लेकर 10 बजकर 48 मिनट महा पुण्य काल रहेगा। इस दौरान पूजा और दान करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी। 14 जनवरी को संक्रांति का शुभ समय 09 बजकर 03 मिनट पर है।

बन रहा दुर्लभ संयोग

वैदिक पंचांग के अनुसार 19 साल बाद मकर संक्रांति के दिन भौम-पुष्य योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। मकर संक्रांति के दिन सुबह 10:41 बजे से भौम-पुष्य योग की शुरुआत होने वाली है। भौम-पुष्य योग पूरे दिन रहेगा। मंगलवार के दिन यह योग पुष्य नक्षत्र के विद्यमान होने से बनता है। पुष्य नक्षत्र विकास, शुभता, धन-समृद्धि और आध्यात्मिक विकास का प्रतिनिधित्व करता है।

संक्रांति पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

संक्रांति का पुण्यकाल: सूर्योदय से लेकर पूरे दिन

सूर्य का राशि परिवर्तन: शाम 02:55 बजे

चर-लाभ-अमृत मुहूर्त: सुबह 09:19 बजे से दोपहर 01:19 बजे तक

अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:37 बजे से 12:20 बजे तक

शुभ योग मुहूर्त: दोपहर 02:39 बजे से शाम 03:59 बजे तक

मकर संक्रांति की पूजा विधि

सबसे पहले मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठें। सूर्योदय से पूर्व उठकर सूर्य देव को इस समय प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। इसके बाद पूरे घर की साफ-सफाई करें। पूरे घर में गंगाजल छिड़ककर घर को शुद्ध करें। दैनिक कामों से निपटने के बाद सुविधा होने पर गंगा या पवित्र नदी में स्नान करें। सुविधा न होने पर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद स्वयं को आचमन करके शुद्ध करें और पीले रंग के कपड़े पहनें। इसके बाद ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें और अंजलि में तिल लेकर बहती जलधारा में प्रवाहित करें। अब पंचोपचार कर विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करें। पूजा के समय सूर्य चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती कर पूजा का समापन करें। पूजा के बाद अन्न का दान दें। साधक अपने पितरों का तर्पण एवं पिंडदान कर सकते हैं।

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