Torbaaz Review: कभी-कभी जिदंगी में कुछ ऐसी घटनाएं होती है जिनके बारे में आप भले ही कितनी भी अच्छी सोच रखें. उसका अंजाम वहीं होता है जो होना होता है. संजय दत्त की तोरबाज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. बॉलीवुड सुपरस्टार संजय दत्त फिल्म तोरबाज में ऐसे इंसान का किरदार निभा रहे हैं, जो खुद किसी को खोने के बाद कुछ पाने में दूसरों की मदद कर रहा है.
ऐसी है फिल्म तोरबाज की कहानी
फिल्म तोरबाज की कहानी एक्स आर्मी ऑफिसर डॉक्टर नसीर खान (संजय दत्त) की है जो एक बॉम्ब ब्लास्ट में अपने बच्चे और बीवी को खो चुका है. परिवार को गए भले ही कई साल गुजर गए हों लेकिन उसका दर्ज अभी नसीर खान के दिल में ताजा है. डॉक्टर नसीर खान (संजय दत्त) के परिवार की जान अफगानिस्तान में एक आत्मघाती बच्चें की वजह से गई थी. सालों बाद जब वह फिर उस मुर्दे की बस्ती में वापस लौटता है तो उसके गम एक बार फिर गहरे हो जाते है.
दनिया में कई खेल खेले और पंसद किए जाते हैं. लेकिन अफगानिस्तान के लोगों में क्रिकेट का अपना महत्व है. आत्मघाती हमले में अपना सबकुछ गंवा चुके डॉक्टर नसीर खान यानी संजय दत्त रिफ्यूजी कैंप के बच्चों को क्रिकेट की ट्रेनिंग देना शुरू करता है. नसीर का इसके पीछे मकसद बच्चों को अच्छा भविष्य देना है. लेकिन उसकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा तालिबान है, जो रिफ्यूजी कैंप के बच्चों को सुसाइड बॉम्बर बनाना चाहता है.
कैसी ही एक्टिंग
तोरबाज फिल्म में एक बार फिर संजय दत्त ने खुद को एक अच्छे एक्टर के रूप में साबित किया है. संजय दत्त ने दर्द में जीते हुए दूसरों को उम्मीद की किरण दिखाने वाले और बच्चों का भला करने वाले इंसान का किरदार बड़ी बखूबी निभाया है. संजय दत्त के चेहरे पर छलकता दर्द और बच्चों के साथ उनकी मस्ती आपकी आखें नम जरूर कर देगी. एक्ट्रेस नरगित फाखरी ने फिल्म आएशा का किरदार निभाया है. उन्होंने भी अपने किरदार के साथ काफी हद तक न्याय किया है. फिल्म में निगेटिव किरदार निभाने वाले राहुल देव ने हर बार की तरह इस बार फिर साबित किया है क्यू उन्हें बेहतरीन एक्टर में गिना जाता है. राहुल देव इस फिल्म में तालिबान लीडर कजार के रोल में है. इसके साथ ही फिल्म में जावद मलिक और रेहान शेख ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम किया है.
फिल्म के निर्देशक की बात करें तो इसको डाइरेक्ट गिरीश मलिक ने किया है. वह पहले फिल्म जल को बना चुके हैं. गिरीश मलिक ने फिल्म तोरबाज में अफगानिस्तान के हालात दिखाने की सफल कोशिश की है. तोरबाज के जरिए आफको अफगानिस्तान के अनदेखे पहलू से रूबरू होने का मौका मिलता है. हालांकि फिल्म में थोड़ी कमी जरूर है. थोड़ा और अच्छा निर्देशन फिल्म को अलग लीक में खड़ा कर सकता था. हालांकि यह फिल्म आपको जरूर देखने चाहिए. इस फिल्म से आप भी अपने जीवन में प्रेरणा ले सकते हैं.
रिव्यू में फिल्म तोरबाज को 5 में से 4 स्टार
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