Saif Ali Khan Enemy Property : मध्य-प्रदेश की राजधानी भोपाल के नवाब परिवार की संपत्ति को लेकर सालों से विवाद चल रहा है। अब इस केस में एक नया मोड़ आ गया है। दरअसल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने संपत्ति विवाद मामले में ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है। दरअसल इस आदेश में एक्टर सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर और बहन सोहा और सबा अली खान को भोपाल नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति का उत्तराधिकारी माना गया था। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले में नए सीरे से सुनवाई होगी।
क्या होती है शत्रु संपत्ति?
इस विवाद का मुख्य पहलू शत्रु संपत्ति है। इस संपत्ती को लेकर सैफ अली खान की मुश्किलें अब बढ़ती हुई नजर आ रही है। दरअसल भारत सरकार ने भोपाल में स्थित उनकी कई पुश्तैनी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया है। जिसकी वजह से एक्टर की 15,000 की संपत्ति मुश्किल में पड़ती नजर आ रही है।
इंदिरा गांधी ने क्यों लिया ऐसा फैसला?
शत्रु संपत्ति उन लोगों की संपत्तियों को कहा जाता जो विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए थे। 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद, भारत सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया था। जिसके तहत इस तरह की संपत्तियां कस्टोडियन ऑफ एनेमी प्रॉपर्टी नामक संस्था के पास चली गई थी। इस कानून को इंदिरा गांधी के शासन के दौरान लागू किया गया था। 1965 युद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच ताशकंद समझोता हुआ। जिसके बाद भारत ने जब्त की गई संपत्तियों को लौटाने पर विचार किया। लेकिन 1971 में पाकिस्तान ने इन संपत्तियों को नष्ट कर दिया। जिसके बाद भारत ने भी यह विचार त्याग दिया।
क्या है सैफ अली खान संपत्ति विवाद?
दरअसल सैफ अली खान की मौसेरी नानी और भोपाल नवाब हमीदुल्लाह खान की बेटी अबिदा सुल्तान भारत के विभाजन के बाद 1945 में पाकिस्तान चले गए थे। उन्होंने पाकिस्तान जाकर वहां की नागरिकता ले ली है। लेकिन उनकी बहन साजिदा सुल्तान ने भारत में रहने का फैसला किया। सैफ अली खान उन्हीं के वंशज हैं। इसी वजह से सरकार ने उनकी संपत्ति को 2014 में शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था। जिसके बाद सैफ अली खान ने 2015 में कोर्ट का रुख किया। इस मामले में फैसला उनके हक में भी आया था। लेकिन 13 दिसंबर 2024 को हाई कोर्ट ने वह स्टे हटा दिया, जिससे अब यह संपत्तियां शत्रु संपत्ति के दायरे में आ गई हैं।