सिनेमा की ताकत केवल उसकी कहानी और अभिनय तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रैंड सेट्स के डिजाइन भी फिल्मों को खास बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यहीं वजह है कि आज भी कुछ फिल्में अपने ग्रैंड सेट्स के लिए याद की जाती हैं। विवेक रंजन अग्निहोत्री की इस फिल्म में 90 के दशक का कोलकाता दिखाने के लिए मुंबई के मध आइलैंड में 7-8 एकड़ में एक विशाल सेट तैयार किया गया।
मुंबई: सिनेमा की ताकत केवल उसकी कहानी और अभिनय तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रैंड सेट्स के डिजाइन भी फिल्मों को खास बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। सेट न केवल कहानी को ज़िंदा करते है बल्कि दर्शकों को एक अलग ही दुनिया में ले जाते हैं। यहीं वजह है कि आज भी कुछ फिल्में अपने ग्रैंड सेट्स के लिए याद की जाती हैं। आइए जानते है कौन- कौन है फिल्में इस लिस्ट में शामिल है.
आशुतोष गोवारिकर की इस फिल्म ने मुगलकालीन शाही जीवन को पर्दे पर उतारा था। करजत में बनाए गए बड़े-बड़े सेट्स, जिनमें आलीशान किले, महल और फव्वारों से सजे बगीचे शामिल थे, उन्होंने दर्शकों को उस दौर की भव्यता का अहसास कराया।
विवेक रंजन अग्निहोत्री की इस फिल्म में 90 के दशक का कोलकाता दिखाने के लिए मुंबई के मध आइलैंड में 7-8 एकड़ में एक विशाल सेट तैयार किया गया। इस सेट के ज़रिए फिल्म की कहानी के भाव और भव्यता को बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया गया था.
शाहरुख खान की यह फिल्म 1980-90 के दशक के गुजरात पर आधारित थी। इसके लिए फिल्म सिटी, मुंबई में पुराने शहर जैसा सेट बनाया गया। घरों, दुकानों और गली-मोहल्लों को असली लुक देने के लिए हर छोटी चीज पर ध्यान दिया गया था ।
1960 के दशक के बॉम्बे को दर्शाने के लिए इस फिल्म में 11 महीनों में एक विशाल सेट तैयार किया गया। साइनबोर्ड, इंटीरियर्स और डेकोर तक हर चीज़ को उस समय के अनुसार डिजाइन किया गया।
सूरज बड़जात्या की इस फिल्म में रॉयल पैलेस का सेट बनाया गया, जिसे अब तक का सबसे बड़ा सेट माना जाता है। राजस्थानी किला, शीश महल और विशेष लाइटिंग के लिए करोड़ों का बजट रखा गया, जिसने फिल्म को बेहद शानदार बना दिया था.
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