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Kesari Chapter 2: अक्षय कुमार की यह फिल्म हर हिंदुस्तानी को गर्व से भर देगी, माधवन और अनन्या पांडे ने जीता दिल

भारत के इतिहास में अनगिनत वीरों की गाथाएं बिखरी पड़ी हैं. जिनमें से कई के नाम तक हमें नहीं पता. कुछ की कहानियां दो-चार पंक्तियों में सिमट गईं तो कुछ गुमनामी के अंधेरे में खो गए. केसरी चैप्टर 2 ऐसी ही एक अनसुनी कहानी को सामने लाती है. वकील सी. शंकरन नायर की जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद ब्रिटिश साम्राज्य को अदालत में घसीटकर घुटनों पर ला दिया.

Kesari Chapter 2 review
inkhbar News
  • April 18, 2025 10:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 weeks ago

Kesari Chapter 2: भारत के इतिहास में अनगिनत वीरों की गाथाएं बिखरी पड़ी हैं. जिनमें से कई के नाम तक हमें नहीं पता. कुछ की कहानियां दो-चार पंक्तियों में सिमट गईं तो कुछ गुमनामी के अंधेरे में खो गए. केसरी चैप्टर 2 ऐसी ही एक अनसुनी कहानी को सामने लाती है. वकील सी. शंकरन नायर की जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद ब्रिटिश साम्राज्य को अदालत में घसीटकर घुटनों पर ला दिया. यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है बल्कि देशभक्ति और गर्व का वह जज्बा जगाती है. जो हर हिंदुस्तानी के दिल में होना चाहिए. यह एक ऐसी कहानी है जो आपको झकझोर देगी और गर्व से सीना चौड़ा कर देगी.

एक अनसुने नायक की गाथा

केसरी चैप्टर 2 सी. शंकरन नायर की जिंदगी पर आधारित है जो एक प्रतिष्ठित वकील थे और ब्रिटिश सरकार में उच्च पद पर आसीन थे. वे कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे लेकिन 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार ने उनकी जिंदगी बदल दी. इस भयावह घटना के बाद उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कानूनी जंग छेड़ी और एक ऐसा केस लड़ा. जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी. यह केस क्या था? इसे लड़ने की जरूरत क्यों पड़ी? और इसका अंजाम क्या हुआ? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना होगा. यह कहानी न केवल ऐतिहासिक है बल्कि भावनात्मक रूप से भी गहरी छाप छोड़ती है.

यह फिल्म महज सिनेमा नहीं बल्कि एक गहन अनुभव है. पहले दृश्य से ही यह आपको अपनी गिरफ्त में ले लेती है. जलियांवाला बाग के पीड़ितों का दर्द, उनकी चीखें, और वह क्रूरता आपके सामने जीवंत हो उठती है. फिल्म का हर फ्रेम आपको नायर के गुस्से और उनकी जिद से जोड़ता है. यह आपको पलक झपकने का मौका तक नहीं देती. अक्षय कुमार ने खुद कहा था कि ऐसी फिल्मों के दौरान फोन नहीं देखना चाहिए और यह बात फिल्म देखते वक्त सौ फीसदी सही लगती है. कोर्टरूम ड्रामा बेहद प्रभावशाली है और हर सीन इतनी शिद्दत से लिखा गया है कि आप हैरान रह जाएंगे कि इतिहास का यह पन्ना अब तक अनछुआ क्यों रहा. 2025 की अब तक की सबसे बेहतरीन फिल्मों में इसे शुमार किया जाना चाहिए.

अक्षय, माधवन और अनन्या का जादू

अक्षय कुमार ने सी. शंकरन नायर के किरदार को इस कदर जिया है कि उनकी तारीफ के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं. अगर आपने कभी उनकी एक्टिंग पर सवाल उठाए तो यह फिल्म देखकर आपकी सारी शिकायतें धुल जाएंगी. अक्षय ने किरदार में गजब का विश्वास और जुनून भरा है खासकर क्लाइमेक्स के मोनोलॉग में जहां वे कहते हैं. ‘ये अंग्रेज हमें जानवर समझते हैं… मेरे देश से निकल जाओ!’ यह सीन आपका दिल देशभक्ति से भर देगा.

आर. माधवन ने एक बार फिर साबित किया कि वे किसी भी किरदार में जान डाल सकते हैं. नेविल मैकिन्ले के रोल में उनकी सूक्ष्म और प्रभावी एक्टिंग कमाल की है. अनन्या पांडे ने इस बार सभी आलोचकों को चुप कर दिया. डिलरीत गिल के किरदार में उनकी परिपक्वता और संयम देखते बनता है. उन्होंने साबित कर दिया कि मेहनत से वे अपनी कला को निखार रही हैं और इसके लिए उनकी सराहना होनी चाहिए. अमित सियाल और रेजिना कैसेंड्रा जैसे सहायक कलाकारों ने भी शानदार काम किया है.

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