नई दिल्ली: ताइवान की पर्वतारोही गिगी वू के शौक ऐसे थे जिसके बारे में सुनकर लोगों के सिर चकरा जाए. जी हां… गिगी वू को पहाड़ की दुर्गम चोटियों पर जाकर बिकिनी में फोटो खिंचवाने का शौक था. लेकिन किसे पता था कि इस शौक की वजह से ही उन्हें एक दिन जान से हाथ धोना पड़ जाएगा. सोशल मीडिया पर बिकिनी क्लाइंबर और बिकिनी हाइकर के नाम से मशहूर गिगी वू की बर्फ में जमी लाश ताइवान स्थित याशुन नैशनल पार्क में सोमवार यानी 21 जनवरी को बरामद हुई.
अब तक सैकड़ों पहाड़ों की चोटियों पर जाकर अपने हुस्न का परचम फहराने वाली 36 साल की गिगी वू 11 जनवरी को याशुन नैशनल पार्क में क्लाइंबिंग के लिए निकली थी. जैसा कि पहले भी वह बिकिनी में ही ट्रैकिंग या क्लाइंबिंग के लिए निकल जाती थीं, वह अपने सफर के आखिरी दौर में भी ऐसे ही निकली थीं. ताइवान के इस इलाके में इन दिनों मौसम अच्छा नहीं है. गिगी वू जहां क्लाइंबिंग कर रही थीं, वहां का तापमान 5 डिग्री से भी कम था. चढ़ाई के दौरान ही करीब 80 फीट की ऊंचाई पर गिगी वू का पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गईं. इस हादसे में गिगी के शरीर का निचला हिस्सा पूरी तरह डैमेज हो गया और वह चलने-फिरने लायक नहीं रहीं.
गिगी ने 19 जनवरी को अपने एक दोस्त को सैटलाइट फोन के जरिये इस हादसे की सूचना दी और मदद मांगी. इसके बाद ताइवान के नैशनल एयरबोर्न सर्विस दल ने गिगी की मदद को हेलिकॉप्टर भेजा, लेकिन सुरक्षित जगह हेलिकॉप्टर को लैंड न कराने पाने के कारण गिगी वू को वहां से निकाला नहीं जा सका. बाद में बचाव दल ने गिगी को ढूंढना शुरू किया और 28 घंटे की अथक मेहनत के बाद आखिरकार गिगी को ढूंढ निकाला गया, लेकिन तब तक कड़ी सर्दी की वजह से गिगी की लाश जम चुकी थी. बचाव दल के कमांडर ने बताया कि गिगी की लाश समुद्र तल से करीब 1700 मीटर ऊपर मिली. गिगी ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वह साल में कम से कम 120 दिन पर्वतारोहण में ही बिताती थीं और कई बार घायल भी हो चुकी थीं.
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