बॉलीवुड डेस्क, मुबंई. बॉलीवुड एक्टर अमजद खान का जन्म आज के ही दिन यानि 12 नवंबर 1940 को पाकिस्तान में हुआ था. उस वक्त कोई नहीं जानता था कि अमजद एक दिन इतने मंझे हुए कलाकार साबित होंगे. लेकिन खास बात यह है कि एक तरफ एक्टर्स जहां लीड रोल या पॉजीटिव किरदार को निभा कर फेमस होते थे. वहीं अमजद खान ने नेगेटिव किरदार को निभा कर इंडस्ट्री में पहचान हासिल की.
फिल्मों में अमजद खान को अलग-अलग किरदारों में देखा गया, फिर चाहे वह भाई का किरदार हो, प्रेमी का, बेटे का ,पति का या गब्बर जैसे डाकू का. उन्होंने अपने हर रोल को बखूबी निभाया और उसमें रम गए. उनका हर किरदार और हर डायलॉग इतिहास बन गया. उन्ही इतिहास में आज हम आपको अमजद खान के जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प किस्से बता रहे हैं.
पाकिस्तान में जन्मे और भारत में ली अंतिम सांस
अमजद खान पेशावर के पठान परिवार में जन्मे थे. उनका जन्म विभाजन से पहले पाकिस्तान के लाहौर में 11 वें महीने की 12 तारीख को साल 1940 में हुआ था.
चार साल की उम्र में चार पैसा नाम की फिल्म के साथ की अपने करियर की शुरुआत
हालांकि अमजद खान की पहली फिल्म नाजनीन थी. लेकिन इससे पहले उन्होंने चार साल की उम्र में ही बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत कर दी थी. उन्होंने सबसे पहली फिल्म तब की जब वो सिर्फ चार साल के थे. इसके बाद अमजद खान को सुहाग, इंकार,चोर पुलिस, हम से है जमाना, शोले, मिस्टर नटवरलाल, बरसात की एक रात, कुर्बानी, सत्ते पे सत्ता और लावारिस जैसे कई फिल्मों में देखा गया. हालांकि लोगों ने उनके विलेन वाले किरदार को ज्यादा पसंद किया.
शोले के गब्बर से मिली पहचान
अमजद खान ने कई फिल्म की लेकिन शोले के गब्बर के किरदार से उन्हें पहचान मिली. हालांकि शुरुआत में वह इस रोल को करना नहीं चाहते थे. लेकिन लोगों ने इस रोल में उन्हें इतना पसंद किया कि आज भी उन्हें कई लोग उनके रियल नाम के बजाय गब्बर के रूप में ही जानते हैं. बता दें कि शोले में गब्बर का यह रोल पहले डैनी को मिला था लेकिन डैनी उस वक्त किसी दूसरी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थे. इसके बाद ये रोल अमजद खान को ऑफर हुई और उन्होंने इसे बखूबी निभाया. एक इंटरव्यू के दौरान डैनी ने कहा था कि- अगर उस वक्त मैंने शोले की होती तो भारतीय सिनेमा अमजद खान जैसे एक अद्भुत कलाकार को खो देता.
अमिताभ बच्चन ने बचाई थी अमजद खान जान
भले ही पर्दे पर अमिताभ बच्चन और अमजद खान के बीच दुश्मनी देखने को मिली हो. लेकिन रियल लाइफ में दोनों में याराना जैसी दोस्ती थी. एक बार अमजद पूरे परिवार के साथ अपनी फिल्म द ग्रेट गैम्बलर की शूटिंग के लिए परिवार के साथ मुंबई से गोवा जा रहे थे. उस वक्त अमजद खुद ही कार ड्राइव कर रहे थे और गोवा के पास उनका एक्सीडेंट हो गया. जैसे ही उनके एक्सीडेंट की खबर अमिताभ को मिली, वह तुरंत हॉस्पिटल पहुंचे. एक्सीडेंट के बाद अमजद की हालत काफी गंभीर थी और मेजर सर्जरी करने की नौबत आ गई थी. लेकिन उस समय अमजद के पास परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था. तब उस वक्त अमिताभ बच्चन ने सर्जरी के डॉक्यूमेंट पर साइन किए. इतना ही नहीं अमिताभ बच्चन ने उन्हें खून भी दिया. अमिताभ तब तक हॉस्पिटल में इंतजार करते रहे जब तक ऑपरेशन चलता रहा. दस से बारह घंटे इंतजार करने के बाद आखिरकार अमजद का ऑपरेशन सक्सेस रहा और उन्हें नई जिंदगी मिली. इसके बाद दोनों के बीच याराना जैसी दोस्ती हो गई.
उस सड़क हादसे में अमजद बचने के बाद भी नहीं बच पाए
साल 1976 में हुए सड़क गोवा मुंबई हाईवे में हुए भयानक हादसे के बाद अमजद खान की जान तो बच गई लेकिन कह सकते हैं कि वह बच कर भी नहीं बच पाए. दरअसल इस एक्सीडेंट में उनकी पसलियां टूट गईं और उनके एक फेफड़े में छेद हो गया था. इसलिए इलाज के बाद भी उनकी दवाईयां लंबे समय तक चलती रही. उन दवाइयों का ऐसा साइट इफेक्ट हुआ कि अमजद खान मोटापे का शिकार हो गए. इसके बाद 27 जुलाई साल 1992 में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई. उस वक्त अमजद सिर्फ 51 साल के थे.
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