मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने शरद पवार वाली एनसीपी को पछाड़ दिया. अजित की पार्टी को जहां चुनाव में 41 सीटें मिलीं. वहीं, शरद पवार की पार्टी सिर्फ 10 सीटों पर सिमट गई. इस बीच चुनाव परिणाम के बाद अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार पर […]
शिंदे गुट एक शर्त पर मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार है. वह शर्त ये है कि एकनाथ शिंदे को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में जगह दी जाए.
उद्धव और शरद विधानसभा चुनाव में मिली हार का बदला महायुति से लेना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने 237 सीटों पर जीत हासिल की. इससे यह तय हो गया है कि राज्य में महायुति सरकार बनेगी. हालांकि, अभी तक राज्य के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई है. वहीं महागठबंधन में शामिल तीनों दलों के विधायक अपने नेताओं के लिए भगवान को पानी में डाल रहे हैं. इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर दिल्ली में फैसला हो गया है और माना जा रहा है कि राज्य का मुख्यमंत्री पद बीजेपी के पास ही रहेगा.
उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टी ने अब बीएमसी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. उद्धव और शरद दोनों चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव की हार का असर बीएमसी चुनावों पर न पड़े, इसलिए उन्होंने कार्यकर्ताओं में नया जोश भरना शुरू कर दिया है.
बीजेपी द्वारा सीएम पद फाइनल किए जाने के बाद शिंदे ने इस पर असहमति जताई है। सूत्रों का दावा है कि शिंदे कोई बड़ा कदम उठाने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि वह डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक शिंदे गुट के सांसदों ने पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है।
महायुति (NDA) गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान तेज हो गई है. एक ओर एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना ने सीएम पद पर अपनी दावेदारी ठोक दी है. वहीं भाजपा चाहती है कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनें.
एनसीपी (शरद गुट) के नेता और विधायक रोहित पवार ने बड़ा दावा किया है. रोहित ने कहा है कि जनता के बीच चर्चा है कि ईवीएम गुजरात से आई थी. इसी वजह से भाजपा चुनाव जीती है.
महाराष्ट्र में बीजेपी की बंपर जीत के बाद अखिल भारतीय एकता मंच के अध्यक्ष और इस्लामिक उपदेशक मौलवी सज्जाद नोमानी के सुर बदल गए हैं. उन्होंने महाराष्ट्र में बीजेपी का समर्थन करने वाले मुसलमानों के बहिष्कार के अपने बयान पर माफी मांगी है. सज्जाद ने कहा कि मेरा बयान किसी भी समाज के खिलाफ नहीं था या किसी भी तरह से फतवा नहीं था. फिर भी अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हों तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं और बिना शर्त माफी मांगता हूं.
एनसीपी (अ.गु.) के मुखिया अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से तल्ख सवाल पूछे हैं. अजित ने कहा है कि जब मैंने लोकसभा वाली अपनी गलती मान ली तो फिर विधानसभा चुनाव में मेरे खिलाफ परिवार के किसी सदस्य को खड़ा करने की क्या जरूरत थी.