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कचरे से कलेक्टर ऑफिस तक, दृष्टिहीन माला ने जज़्बे से रचा IAS बनने का सपना

माला पापलकर को शंकरबाबा के साथ ही अमरावती के यूनिक एकेडमी के निदेशक प्रोफेसर अमोल पाटिल के रूप में एक और नेक इंसान मिला. जिसने उसे एमपीएससी परीक्षाओं के लिए कोचिंग देने की जिम्मेदारी अपने कंधे पर उठाई. अब वह डीएम दफ्तर में कामकाज संभालने को तैयार है.

Mala Ias officer
inkhbar News
  • April 21, 2025 12:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

माला पापलकर को अमरावती की यूनिक एकेडमी के निदेशक प्रोफेसर अमोल पाटिल के रूप में एक नेकदिल इंसान का साथ मिला, जिन्होंने माला को एमपीएससी (महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग) परीक्षा की कोचिंग देने की जिम्मेदारी ली। अब माला नागपुर कलेक्टर ऑफिस में काम संभालने के लिए तैयार हैं।

दृष्टिहीन बच्ची का सपना

25 वर्षीय माला ने कहा, “भगवान ने मुझे बचाने के लिए देवदूत भेजे और मुझे वहाँ तक पहुँचाया जहाँ मैं आज हूँ। लेकिन मैं यहाँ नहीं रुकूंगी। अब मेरा सपना है यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनना।”

क्या था माला की सफलता का राज़?

माला के मार्गदर्शक और पद्म पुरस्कार से सम्मानित 81 वर्षीय शंकरबाबा पापलकर ने न सिर्फ उन्हें अपना उपनाम दिया, बल्कि उन्हें ब्रेल लिपि में प्रशिक्षण देकर उनकी प्रतिभा को निखारा। उन्होंने माला को दृष्टिबाधित और अनाथ बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना दिया।

नागपुर में माला की नियुक्ति

बचपन में माला को कूड़ेदान से निकालकर बाल सुधार गृह में लाया गया था। वहीं से उन्होंने आगे की पढ़ाई की और महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की क्लर्क-कम-टाइपिस्ट (ग्रुप-सी) परीक्षा पास की। यह सफलता उन्हें मई 2024 में मिली, जिसके बाद वे चर्चा में आ गईं। अब उन्हें नागपुर कलेक्टर ऑफिस में राजस्व सहायक के पद पर नियुक्त किया गया है। माला को यह नियुक्ति संबंधी पत्र तीन दिन पहले मिला। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वे अगले 8-10 दिनों में कलेक्टर कार्यालय में काम संभाल सकती हैं। हालांकि कुछ प्रक्रियात्मक कारणों से उनकी नियुक्ति में कुछ महीने की देरी हुई।

 

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