माला पापलकर को अमरावती की यूनिक एकेडमी के निदेशक प्रोफेसर अमोल पाटिल के रूप में एक नेकदिल इंसान का साथ मिला, जिन्होंने माला को एमपीएससी (महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग) परीक्षा की कोचिंग देने की जिम्मेदारी ली। अब माला नागपुर कलेक्टर ऑफिस में काम संभालने के लिए तैयार हैं।
25 वर्षीय माला ने कहा, “भगवान ने मुझे बचाने के लिए देवदूत भेजे और मुझे वहाँ तक पहुँचाया जहाँ मैं आज हूँ। लेकिन मैं यहाँ नहीं रुकूंगी। अब मेरा सपना है यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनना।”
माला के मार्गदर्शक और पद्म पुरस्कार से सम्मानित 81 वर्षीय शंकरबाबा पापलकर ने न सिर्फ उन्हें अपना उपनाम दिया, बल्कि उन्हें ब्रेल लिपि में प्रशिक्षण देकर उनकी प्रतिभा को निखारा। उन्होंने माला को दृष्टिबाधित और अनाथ बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना दिया।
बचपन में माला को कूड़ेदान से निकालकर बाल सुधार गृह में लाया गया था। वहीं से उन्होंने आगे की पढ़ाई की और महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की क्लर्क-कम-टाइपिस्ट (ग्रुप-सी) परीक्षा पास की। यह सफलता उन्हें मई 2024 में मिली, जिसके बाद वे चर्चा में आ गईं। अब उन्हें नागपुर कलेक्टर ऑफिस में राजस्व सहायक के पद पर नियुक्त किया गया है। माला को यह नियुक्ति संबंधी पत्र तीन दिन पहले मिला। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वे अगले 8-10 दिनों में कलेक्टर कार्यालय में काम संभाल सकती हैं। हालांकि कुछ प्रक्रियात्मक कारणों से उनकी नियुक्ति में कुछ महीने की देरी हुई।