दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ गए हैं और आम आदमी पार्टी (आप) के हाथ से सत्ता चली गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल बाद राजधानी में वापसी करते हुए पूर्ण बहुमत हासिल किया है।
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ गए हैं और आम आदमी पार्टी (आप) के हाथ से सत्ता चली गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल बाद राजधानी में वापसी करते हुए पूर्ण बहुमत हासिल किया है। हैरान करने वाली बात यह रही कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता, जैसे कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज, अपनी सीटें बचाने में नाकाम रहे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन CM आतिशी अपनी सीट बचाने में कामयाब हो गई, इसी सबके बीच एक उनका जमकर डांस करते हुए वीडियो सामने आया हैं.
आम आदमी पार्टी दिल्ली में बुरी तरह से पराजित हो गई, लेकिन दूसरी ओर मुख्यमंत्री आतिशी ने रमेश विधूड़ी को हराकर अपनी जीत दर्ज की। जीतने के कुछ घंटे बाद आतिशी ने सबसे पहले अपने समर्थकों का धन्यवाद किया और फिर अपनी विधानसभा क्षेत्र में एक रोड शो किया। इसके बाद एक वीडियो सामने आया, जिसमें आतिशी अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ डांस करती हुई नजर आ रही हैं। वीडियो में यह साफ देखा जा सकता है कि आतिशी बहुत खुश हैं और ऐसा लगता है कि पार्टी की हार का उन्हें कोई गम नहीं है। इस वीडियो से यह भी स्पष्ट होता है कि वह अपनी जीत से काफी खुश हैं।
#WATCH | #DelhiElectionResults | AAP winning candidate from Kalkaji Vidhan Sabha and outgoing CM Atishi dances and celebrates her victory with the supporters and party workers. pic.twitter.com/nGbItW5nM7
— ANI (@ANI) February 8, 2025
आम आदमी पार्टी अगर खड़ी हुई थी, तो उसके पीछे अरविंद केजरीवाल की साख थी, एक मजबूत लीडरशिप थी। कट्टर ईमानदारी, कट्टर देशभक्ति और इंसानियत को अपनी विचारधारा बताने वाले अरविंद केजरीवाल ने इसी के दम पर दिल्ली से लेकर पंजाब तक राज किया. गुजरात में भी ताकत बढ़ाई लेकिन अब इसी पर सवाल है. शराब घोटाले से उनकी छवि को धक्का पहुंचा है. मॉडल स्टेट का सपना चकनाचूर हो गया है. वे खुद अपनी सीट हार गए हैं. ऐसे में एक बार फिर उनके जेल जाने का खतरा भी है. भाजपा की पूरी कोशिश होगी कि कमजोर हुए केजरीवाल को सत्ता से बेदखल करने के बाद दिल्ली से भी खत्म कर दिया जाए. अब उनके सामने बड़ी चुनौती पंजाब, गोवा, गुजरात से लेकर अन्य राज्यों तक पार्टी को एकजुट बनाए रखने की बड़ी चुनौती होगी.
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