दिल्ली की राजनीति में कई विधानसभा सीटें अलग-अलग कारणों से चर्चे में रहती हैं और चुनाव के दौरान इन सीटों पर नजर भी रखी जाती है। इन्हीं सीटों में शामिल हैं गांधी नगर व करावल नगर विधानसभा सीट। ये दो सीटें उन 8 सीटों में शामिल हैं, जिन पर आम आदमी पार्टी 2020 के चुनाव में हारी थी। भजपा ने दो सीटिंग विधायकों का टिकट काटकर कांग्रेस और आप से आये नेताओं को टिकट दिया है.
नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने 29 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी . करावल नगर से वर्तमान विधायक मोहन सिंह बिष्ट का टिकट काटकर उनकी जगह कपिल मिश्रा को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. ऐसे ही पहली लिस्ट में गांधीनगर विधानसभा सीट से अनिल कुमार वाजपेयी का टिकट काटकर अरविंदर सिंह लवली पर भरोस जताया था।
दिल्ली की राजनीति में कई विधानसभा सीटें अपने-अपने कारणों से चर्चा में रहती हैं और चुनाव के दौरान इन सीटों पर नजर भी रखी जाती है। इन्हीं सीटों में से एक है गांधी नगर विधानसभा सीट। यह हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है। यह उन 8 सीटों में से भी एक है, जिस पर आम आदमी पार्टी 2020 के पिछले चुनाव में हारी थी और भाजपा ने जीत हासिल की थी। ऐसे में 2025 के चुनाव में भी इस सीट पर कड़ी टक्कर की उम्मीद है।
यहां से बीजेपी ने इस बार अरविंदर सिंह लवली पर भरोसा जताया है। वह पहले कांग्रेस में थे लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गये. लवली इस क्षेत्र से 4 बार विधायक रहे हैं और इलाके में उनकी छवि काम करने वाले नेता की है. वैसे बात करें वर्तामन विधायक अनिल कुमार वाजपेयी की तो साल 2015 में उन्होंने इस सीट पर आम आदमी का झंडा लहराया था। फिर समय बदला और 2020 में बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़कर गांधीनगर सीट को भाजपा की झोली में डाली थी.
गांधी नगर विधानसभा सीट दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक है। यह विधानसभा क्षेत्र पूर्वी दिल्ली इलाके में स्थित यमुना नदी के पार स्थित एक रिहायशी इलाका है। यह इलाका गांधी नगर मार्केट के लिए बेहद मशहूर है। यह मार्केट एशिया की सबसे बड़ी रेडीमेड गारमेंट और कपड़ा मार्केट के तौर पर जाना जाता है। इस इलाके में कई दुकानें और फैक्ट्रियां हैं। यह इलाका गीता कॉलोनी, सीलमपुर और कृष्णा नगर जैसी अन्य कॉलोनियों से घिरा हुआ है।
इस बार बीजेपी ने करावल नगर से मौजूदा विधायक मोहन सिंह बिष्ट का टिकट काटकर कपिल मिश्रा को मैदान में उतारा है. कपिल मिश्रा भी पहले आम आदमी पार्टी में थे . 2019 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. मिश्रा केजरीवाल सरकार में जल संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं. दिल्ली में 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कपिल मिश्रा को करावल नगर सीट से मैदान में उतारा था. तब कपिल ने अपने प्रतिद्वंद्वी बीजेपी उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट को 44,431 वोटों के अंतर से हराकर चुनाव जीता था. परिस्थितियां बदली और वह भाजपा में आ गये. बीजेपी में शामिल होने के बाद से कपिल मिश्रा अक्सर आम आदमी पार्टी सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करते रहे हैं. वह सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाते रहे और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के मुखर विरोधी बने.
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