Money Laundering Case: दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ निचली अदालत में ट्रायल चल रहा है. ईडी ने इस पर रोक लगाने की मांग की है.
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। ईडी ने निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है। जांच एजेंसी का कहना है कि इस मामले में एक नया विकास हुआ है, जिसके आधार पर जब तक ईडी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल नहीं कर देती, तब तक निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगाई जाए। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी।
ईडी का कहना है कि इस मामले में अपराध की आय के नए तथ्यों के आधार पर जांच जारी है और इसके लिए पूरक आरोपपत्र दाखिल किया जाना जरूरी है। सत्येंद्र जैन पर आरोप है कि उन्होंने शेल कंपनियों के माध्यम से अवैध धन अर्जित किया। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2017 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गई एफआईआर के बाद शुरू हुई थी। आरोपों के अनुसार, उन्होंने अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।
इसके अलावा, हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राष्ट्रपति भवन से अनुरोध किया था कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा 218 के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दी जाए। इस संबंध में राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि सत्येंद्र जैन से जुड़े कुछ फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया। इन कंपनियों के माध्यम से काले धन को सफेद करने का आरोप है। ईडी का दावा है कि उसके पास इस मामले से जुड़े कई ठोस सबूत हैं, जिनके आधार पर पूरक चार्जशीट तैयार की जा रही है।
इस पूरे मामले में अगला महत्वपूर्ण कदम हाई कोर्ट की अगली सुनवाई होगी, जिसमें यह तय होगा कि निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाई जाएगी या नहीं। वहीं, सत्येंद्र जैन के खिलाफ बीएनएसएस के तहत मुकदमे की अनुमति मिलने पर उनके लिए कानूनी चुनौतियां और बढ़ सकती हैं।