इस बार दिल्ली की जनता ने भाजपा को जीत दिलाई और आम आदमी पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में नकार दिया। 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा अपनी ध्वज लहरा पाने में सफल रही। यहां तक कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल...
नई दिल्ली: इस बार दिल्ली की जनता ने भाजपा को जीत दिलाई और आम आदमी पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में नकार दिया। 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा अपनी ध्वज लहरा पाने में सफल रही। यहां तक कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अपनी सीट बचाने में असफल रहे। इसी बीच, आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा अपनी मिशन ‘कमल’ के तहत अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी को तोड़ने की कोशिश कर सकती है। हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
हाल ही में, आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए हैं। भाजपा में शामिल होने वालों में एंड्रयूज गंज से पार्षद अनीता बसोया, आरके पुरम से पार्षद धर्मवीर और चपराना से पार्षद निखिल शामिल हैं। भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उन्हें पार्टी में स्वागत किया। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी के चार और नेता भाजपा में शामिल हुए हैं। इनमें संदीप बसोया भी हैं, जो पहले AAP के नई दिल्ली जिला अध्यक्ष रह चुके हैं और अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए हैं।
दिल्ली नगर निगम में कुल 250 पार्षदों की सीटें हैं। AAP के पास 121 पार्षद थे, जिसमें से तीन ने विधानसभा चुनाव जीत लिया और अब 118 पार्षद बच गए हैं। वहीं भाजपा के पास 120 पार्षद थे, जिनमें से आठ ने विधानसभा चुनाव जीते, अब उनके पास 112 पार्षद बचते हैं। अब तीन पार्षदों के दलबदल के बाद AAP और भाजपा दोनों के पास 115-115 पार्षद हो गए हैं।
इस साल अप्रैल में दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर का चुनाव होने वाला है। पिछले मेयर चुनाव का आयोजन नवंबर 2024 में हुआ था, लेकिन कार्यकाल केवल पांच महीने का था, क्योंकि MCD में हर साल अप्रैल में ही मेयर का चुनाव होता है। उस चुनाव में AAP के महेश खिंची ने भाजपा के किशन लाल को 3 वोट से हराया था। इस चुनाव में कुल 263 वोट डाले गए थे, जिसमें खिंची को 133 और किशन लाल को 130 वोट मिले थे, जबकि 2 वोट अवैध हो गए थे।
भाजपा में आम आदमी पार्टी के नेताओं को शामिल करने के बाद, भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली सरकार के पिछले कार्यकाल में जितने भी घोटाले हुए हैं, चाहे वो शीश महल, शराब घोटाला, जल बोर्ड घोटाला, पैनिक बटन घोटाला, राशन कार्ड घोटाला या मोहल्ला क्लिनिक घोटाला हो, हर भ्रष्टाचारी को सजा दी जाएगी।
ढाई साल से दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो सका है और यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उपराज्यपाल की विशेष अनुमति के बाद MCD के कमिश्नर अश्विनी कुमार सदन के समक्ष बजट पेश करेंगे। सदन से मंजूरी मिलने के बाद फरवरी के आखिर तक बजट को पारित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, 2025-26 के बजट का अनुमानित आंकड़ा करीब 17 हजार करोड़ रुपये हो सकता है। आमतौर पर हर साल दिसंबर में कमिश्नर बजट पेश करते हैं, लेकिन इस बार स्टैंडिंग कमेटी के गठन में देरी के कारण बजट पेश नहीं हो सका था।
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