दिल्ली चुनाव में AAP के लगभग सभी बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। ‘आप’ सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर हार का सामना करना पड़ा है। पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी में नंबर-2 माने जाने वाले मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज सीट पर शिकस्त झेलनी पड़ी है।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी की हार इस वक्त पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बड़ा दावा किया है। बाजवा ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान और AAP के कई विधायक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संपर्क में हैं।
इसके साथ ही सियासी गलियारों में दावा किया जा रहा है कि अब पंजाब और दिल्ली की आम आदमी पार्टी अलग हो सकती है। कई बीजेपी समर्थक तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि भगवंत मान के नेतृत्व में AAP की पंजाब इकाई अलग पार्टी होने का दावा ठोक सकती है।
बता दें कि दिल्ली चुनाव में AAP के लगभग सभी बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। ‘आप’ सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट पर हार का सामना करना पड़ा है। पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी में नंबर-2 माने जाने वाले मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज सीट पर शिकस्त झेलनी पड़ी है। इसके साथ ही सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन और सोमनाथ भारती को भी हार झेलनी पड़ी है।
गौरतलब है कि 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को ऐतिहासिक जीत मिली है। 2015 के चुनाव में जहां AAP ने 70 में 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 2020 के दिल्ली चुनाव में AAP को 70 में से 62 सीटों पर जीत मिली थी।
इस दौरान दोनों ही बार पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके अलावा 2013 के चुनाव में AAP, कांग्रेस के साथ मिलकर 49 दिनों की सरकार चला चुकी है। उस वक्त भी केजरीवाल दिल्ली के सीएम बने थे। केजरीवाल कुल मिलाकर 3 बार दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
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