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AAP को बर्बाद करना है! कांग्रेस ने 3 महीने पहले ही बना ली थी रणनीति, जानबूझकर BJP को जिताया

कांग्रेस ने दिल्ली की 18 सीटें चिन्हित की थी, जहां पर मजबूती से चुनाव लड़कर AAP को हराना है। इन 18 में से 14 सीटों पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी को हराने में कामयाब भी रही। इन सीटों में....

Rahul Gandhi-Arvind Kejriwal
  • February 11, 2025 5:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव-2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) की बड़ी हार पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। विपक्षी दलों में भी ‘आप’ की इस हार की खूब चर्चा हो रही है। I.N.D.I.A ब्लॉक के कई दल AAP की हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। सियासी गलियारों में भी ऐसी चर्चा है कि कांग्रेस ने इस बार जानबूझकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ मजबूती से चुनाव लड़ा है।

कांग्रेस ने जानबूझकर हराया

कांग्रेस कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार आदेश रावल के मुताबिक कांग्रेस ने दिल्ली में AAP को हराने की रणनीति काफी पहले ही तैयार कर ली थी। कांग्रेस की पंजाब और गुजरात इकाई के नेताओं ने राहुल गांधी को समझाया कि आम आदमी पार्टी को कमजोर किए बिना हम अपना खोया हुआ वोट बैंक वापस नहीं पा सकते हैं। इन नेताओं ने राहुल को समझाया कि ‘आप’ कांग्रेस के वोटों को हथियाकर सत्ता में बैठी हुई है। इसीलिए अब कांग्रेस को AAP से अपना खोया हुआ वोट वापस लेना चाहिए।

चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं का मानना था अगर AAP दिल्ली में हारती है तो फिर 2030 के चुनाव में कांग्रेस खुद को मजबूत कर बीजेपी से सीधी लड़ाई कर सकती है। इसके अलावा कांग्रेस को इसका फायदा पंजाब और गुजरात में भी हो सकता है। दिल्ली हारने के बाद अब AAP गुजरात और पंजाब में खुद को एकजुट रख पाने में काफी मुश्किलों का सामना कर सकती है।

18 सीटों पर बनाई रणनीति

आदेश रावल के मुताबिक कांग्रेस ने दिल्ली की 18 सीटें चिन्हित की थी, जहां पर मजबूती से चुनाव लड़कर AAP को हराना है। इन 18 में से 14 सीटों पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी को हराने में कामयाब भी रही। इन सीटों में अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली और मनीष सिसोदिया की जंगपुरा सीट भी शामिल है।

बता दें कि नई दिल्ली सीट पर कांग्रेस ने पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा था। यहां पर AAP की हार और कांग्रेस के वोटों का अंतर लगभग बराबर ही रहा। कहा गया कि अगर संदीप चुनाव लड़ते तो शायद अरविंद केजरीवाल की सीट निकल जाती। इसी तरह जंगपुरा सीट पर भी मनीष सिसोदिया 600 से ज्यादा वोटों से हारे हैं। यहां पर कांग्रेस के फरहाद सूरी को बड़ी संख्या में मुस्लिम वोट मिला। कहा गया कि अगर सूरी चुनाव ना लड़ते तो शायद सिसोदिया जीत जाते।

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