मथुरा से 60 किमी की दूरी पर स्थित कोकिलावन में शनि का बेहद प्राचीन मंदिर है. मान्यता है कि शनि जब यहां आये तो कृष्ण ने उन्हें एक जगह स्थिर कर दिया ताकि ब्रजवासियों को उनसे कोई कष्ट न हो. प्रत्येक शनिवार को यहां पर आने वाले श्रद्धालु शनि भगवान की 3 किमी की परिक्रमा करते हैं. शनिश्चरी अमावस्या को यहां पर विशाल मेले का आयोजन होता है. कोकिलावन के शनि मंदिर से नंदगांव का नजारा भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. जब कि नंदराय मंदिर के ऊपर से आप ब्रज के हरे भरे भूभाग, इसके प्राकृतिक सौंदर्य, कोकिलावन के शनि मंदिर और बरसाना के राधारानी के महल का दर्शन कर सकते हैं.
वृंदावन में बांके बिहारी का बहुत प्रसिद्ध मंदिर है. देश और दुनिया से हर साल लाखों की तादाद में लोग दर्शन के लिए जाते हैं. कहा जाता है कि आज भी मंदिर के बगीचे में रात में भगवान कृष्ण और उनकी 16 हजार पटरानियां रासलीला करते हैं. इसलिए शाम होते ही मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं.
देवों के देव है महादेव. हिन्दू धर्म में शिव का अति विशिष्ठ स्थान है. इस धरा पर कई नामो से पूजे जाते है भोलेनाथ. कोई इन्हे शंकर कहता है, कोई रुद्र, तो कोई नीलकंठ. तंत्र साधना में भोले को भैरव के नाम से जाना जाता है. तो वेदों में रुद्र कहे जाते है शंकर.
चामुंडा माता के मंदिर तो भारत में कई हैं. लेकिन हिमाचल प्रदेश में स्थित मां चामुंडा का दरबार मन की अधुरी मुराद पूरी करने के लिए जाना जाता है.
नई दिल्ली में भगवान कृष्ण और देवी राधा को समर्पित प्रसिद्ध वैष्ण्व मन्दिर इस्कॉन मन्दिर को श्री राधा पार्थसारथी मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है. इस मन्दिर को नई दिल्ली के कैलाश क्षेत्र के पूर्वी भाग में स्थित हरे-भरे सुन्दर हरे कृष्ण पहाड़ी पर सन् 1998 में स्थापित किया गया था.
दिल्ली के हृदय कनॉट प्लेस में महाभारत काल से श्री हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर है. यहाँ पर उपस्थित हनुमान जी स्वयंभू हैं. बालचन्द्र अंकित शिखर वाला यह मंदिर आस्था का महान केंद्र है.
राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक में बना गौरी शंकर मंदिर लगभग 800 साल पुराना मंदिर है. यह मंदिर भारत के शैव सम्प्रदाय के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. भगवान शिव के मंदिर में जो कोई भी सच्चे मन से जाता है उसकी मनोकामना जरुर पूरी होती है.
छत्तीसगढ़ में आलोर, फरसगांव स्थित एक ऐसा दरबार है, जहां का दरवाजा साल में एक ही बार खुलता है, यह है लिंगेश्वरी माता का मंदिर. इस मंदिर का पट खुलते ही पांच व्यक्ति रेत पर अंकित निशान देखकर भविष्य में घटने वाली घटनाओं की जानकारी देते हैं.
यूं तो अमृतसर मुख्य रूप से स्वर्ण मंदिर के लिए मशहूर है, पर इधर बड़ा हनुमान मंदिर भी कम महत्वपूर्ण नहीं है. यहां हर साल लंगूरों का मेला लगता है और यहां देश और विदेश से बच्चे लंगूर बनने के लिए आते हैं
सिद्धिविनायक गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है. गणेश जी जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्धिविनायक मंदिर कहलाते हैं.