अहमदबाद: गुजरात के भावनगर जिले से बड़ी खबर सामने निकलकर आ रही है। यहां पर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंड़ाफोड़ किया है जो बीते 11 सालों से सरकारी भर्ती परीक्षा में घोटाला चला रहे थे। खबर है कि यह पूरा गिरोह सरकारी भर्ती परीक्षा में असली उम्मीदवारों की जगह नकली उम्मीदवारों को बिठाया करता था। हैरानी की बात है कि आज तक इसकी भनक पुलिस प्रशासन को नहीं लगी।
➨ किसी को कानों-कान खबर नहीं
पुलिस का कहना है कि, ये घोटाला करीब 11 साल से चल रहा था। वहीं, पुलिस ने अब तक के सबसे बड़े घोटाले का रजफस किया है। आपको बता दें, इस मामले में पुलिस ने कुल 36 लोगों पर कार्रवाई की है। साथ ही युवराज सिंह नाम के शख्स पर नाम व पहचान छुपाने के लिए रुपये वसूलने का आरोप लगा है। हालांकि इनआरोपों को विद्यार्थी नेता युवराज सिंह जडेजा ने निराधार बताया है।
➨ 11 साल से चल रहा था घोटाला
इस मामले में भावनगर पुलिस का कहना कि इस फ़र्ज़ी कांड के मुद्दे को लेकर कुल 36 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है। पुलिस ने आगे कहा है कि ये लोग सरकारी भर्ती परीक्षा से लेकर 12वीं के जनरल और साइंस स्ट्रीम में फ़र्ज़ी छात्रों को बैठाने का गोरखधंधा करते थे। 11 सालों से चल रहे इस घोटाले पर से अब पुलिस ने पर्दा उठा लिया है। पुलिस का कहना है कि सरकारी नौकरी में ये अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है।
➨ साल 2012 से 2023 तक दिए फ़र्ज़ी परीक्षाएं
पुलिस की इस कार्यवाई के दौरान सरकारी परीक्षा में शामिल होने वाले कुल 36 लोगों को गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के अनुसार, यह सभी आरोपियों ने हॉल टिकट, आधार कार्ड और फोटो से छेड़छाड़ किया करते थे। इसी के साथ साल 2012 से 2023 तक इन आरोपियों ने प्रतियोगी परीक्षा सहित कई परीक्षाएं दी हैं। LCB के प्रभारी PI ने बी.एच.शिंगारखिया ने इनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया है और इनकी सामूहिक तौर पर गिरफ्तारी की। वहीं ऐसी भी खबर कि इस घोटाले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते है।
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