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ट्रंप के टैरिफ से संकट में दुनिया: भारतीय शेयर बाजार के 20 लाख करोड़ डूबे, वो बोले ‘मैं नहीं चाहता कि कुछ भी गिरे’

7 अप्रैल 2025 दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए ब्लैक मंडे साबित हुआ. सुबह जैसे ही कारोबार शुरू हुआ. सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट ने निवेशकों को सकते में डाल दिया और देखते ही देखते 20 लाख करोड़ डूब गये. अब ट्रंप कह रहे हैं कि वो नहीं चाहते हैं कि कुछ भी गिरे.

market crash today
inkhbar News
  • April 7, 2025 4:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

Global Stock Market: 7 अप्रैल 2025 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए एक काला दिन साबित हुआ. सुबह जैसे ही कारोबार शुरू हुआ. सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट ने निवेशकों को सकते में डाल दिया. यह तबाही उस वैश्विक उथल-पुथल का नतीजा थी. जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति के कारण शुरू हुई. ट्रंप ने अपने ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे के तहत कई देशों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया. जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर कड़े जवाबी टैरिफ लगा दिए. इस ट्रेड वॉर ने न सिर्फ अमेरिकी बाजारों को झकझोर दिया बल्कि भारत, जापान, हॉन्गकॉन्ग और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के शेयर बाजारों को भी गहरे संकट में डाल दिया.

सेंसेक्स और निफ्टी में कोहराम

सोमवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत ही भयावह रही. सेंसेक्स में हजारों अंकों की गिरावट और निफ्टी का लाल रंग में डूबना इस बात का संकेत था कि ट्रंप की नीति का असर अब भारत तक पहुंच चुका है. रुपये की कीमत में भी भारी गिरावट देखी गई. यह ‘ब्लडबाथ’ सिर्फ भारत तक सीमित नहीं था. जापान का निक्केई, हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग और ऑस्ट्रेलिया के ASX जैसे सूचकांक भी इस तूफान की चपेट में आ गए. हर जगह शेयरों की कीमतें धराशायी हो गईं और निवेशकों में डर का माहौल छा गया.

ट्रंप का बयान-सख्ती जरूरी

इस वैश्विक संकट के बीच डोनाल्ड ट्रंप का बयान चर्चा का केंद्र बन गया. उन्होंने कहा ‘मैं नहीं चाहता कि कुछ भी गिरे. लेकिन कभी-कभी आपको चीजों को ठीक करने के लिए सख्त कदम उठाने पड़ते हैं.’ यह बयान तब आया जब 2 अप्रैल को घोषित उनके टैरिफ्स ने ग्लोबल ट्रेड वॉर को हवा दे दी थी. ट्रंप की नीति के तहत कई देशों पर 10% का बेसलाइन टैरिफ और कुछ देशों पर इससे कहीं ज्यादा शुल्क लगाया गया. ट्रंप ने भारत पर 26 फीसद, चीन पर 34 फीसद, वियतनाम पर 46 फीसद, बांग्लादेश पर 37 फीसद और यूरोपीय संघ पर 20 फीसद टैरिफ लगाया है. इस कदम ने वैश्विक व्यापार को हिलाकर रख दिया और शेयर बाजारों में भारी गिरावट का सिलसिला चल रहा है. अमेरिका भी इससे अछूता नहीं है.

वैश्विक मंदी की आहट

भारत में यह संकट सिर्फ ट्रंप के टैरिफ्स का परिणाम नहीं है. ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन की आशंका और घरेलू आर्थिक कमजोरियां भी इस गिरावट में शामिल हैं. छोटे निवेशकों से लेकर बड़े कारोबारी घरानों तक हर कोई अपने नुकसान का आकलन करने में जुट गया है. सड़क पर आम आदमी भी इस आर्थिक संकट को महसूस कर रहा है क्योंकि उनकी बचत और सपने शेयर बाजार की चाल पर टिके है. ट्रंप के इस ‘सख्त कदम’ ने न सिर्फ अमेरिकी अर्थव्यवस्था को जोखिम में डाला बल्कि भारत जैसे उभरते बाजारों को भी गहरे संकट की ओर धकेल दिया है.

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