आईबीए का कहना है कि इससे क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने का लक्ष्य हासिल हो सकेगा.
नई दिल्ली: भारतीय बायोगैस एसोसिएशन (IBA) ने वित्त मंत्रालय से आगामी केंद्रीय बजट में संपीड़ित बायोगैस (CBG) उत्पादन के लिए पूर्ण कॉर्पोरेट कर छूट प्रदान करने का आग्रह किया है. आईबीए का कहना है कि इससे क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने का लक्ष्य हासिल हो सकेगा. इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में आईबीए ने कहा कि यह उन व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन के रूप में कार्य करेगा जो निवेश करने और सीबीजी उत्पादन को बढ़ाने के इच्छुक हैं, जिससे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में योगदान मिलेगा.
उद्योग निकाय ने कहा कि यह प्रस्ताव है कि सरकार को सीबीजी उत्पादन के लिए एक व्यापक कॉर्पोरेट कर छूट प्रदान करनी चाहिए. विशेष रूप से, सीबीजी उत्पादकों को परिचालन के शुरुआती वर्षों में 100 प्रतिशत कर राहत दी जानी चाहिए. वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी. आईबीए ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में देश में करीब 100 सीबीजी प्लांट चालू हो चुके हैं. सीबीजी की कुल बिक्री करीब 1,200 करोड़ रुपये रही है. इसका मतलब यह है कि टैक्स पूरी तरह माफ करने के बाद सरकार को करीब 100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. आईबीए ने कहा कि यह अल्पकालिक नुकसान है, लेकिन इससे अक्षय ऊर्जा उद्योग को दीर्घावधि में बढ़ने में मदद मिलेगी.
पत्र में कहा गया है कि इस कदम से भारत को नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य हासिल करने, निजी निवेश आकर्षित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी. उद्योग निकाय ने कहा कि इस मामले में कर छूट से सीबीजी उत्पादकों को अपने उत्पाद प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेचने में मदद मिलेगी, जिससे भारत के ऊर्जा मिश्रण में सीबीजी की स्वीकार्यता बढ़ेगी. आईबीए ने कहा कि इसके अलावा बायोगैस के उत्पादन में धान की पराली और फसल अपशिष्ट जैसे कृषि अवशेषों का उपयोग बढ़ेगा. इससे कृषि अवशेषों को जलाने की जरूरत खत्म हो जाएगी, जिससे अंततः प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।
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