Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले का आज तीसरा दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के मधुबनी में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा है कि जिन भी आतंकियों ने बेगुनाहों को मारा है,उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी कि उन्होंने कभी सोचा नहीं होगा। मोदी ने कहा है कि कल्पना से बड़ी सजा दी जाएगी। पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है। इस आतंकी हमले में देश भर से आए पहलगाम घूमने के लिए 26 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। लश्कर-ए-तैयबाए ताइबा आतंकी संगठन के आका पाकिस्तान में रहते हैं। ऐसे में इस हमले की साजिश के पीछे पाकिस्तान से भी तार जुड़ते दिखाई देते हैं।
अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी के टेररिस्ट फाइनेंस एंड सपोर्ट स्ट्रक्चर इन जम्मू एंड कश्मीर रिसर्च जर्नल में रिसर्च स्कॉलर एन. एस. जामवाल ने बताया है कि पाकिस्तान हर साल भारत में आतंक बनाए रखने के लिए कितना पैसा खर्च करता है। इसके अनुसार, सीमा पार से पाकिस्तान भारत में आतंक बनाए रखने के लिए सालाना करीब 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर,यानी करीब 42 करोड़ रुपए खर्च करता है। वहीं, इन आतंक के खात्मे के लिए भारत सरकार हर साल 730 करोड़ रुपए खर्च करती है। अब आप खुद भी समझ सकते हैं कि आतंक फैलाने के मुकाबले इसे खत्म करने में कितने गुना पैसा खर्च किया जाता है।
एन. एस. जामवाल ने अपने रिसर्च में बताया है कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के ऊपर करीब सालाना 79 से 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर, यानी 683 करोड़ रुपए सालाना खर्च करता है। ये खर्च आतंकियों को रिक्रूट करने, हमलों को अंजाम देने और आतंकियों की सैलरी पर खर्च कियाजाता है।
पाकिस्तान कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए देसी और विदेशी दोनों तरह के आतंकियों का इस्तेमाल करता है। पाक जहां विदेशी आतंकियों को रिक्रूट करने पर 50,000 रुपए देता है,वहींयानी कश्मीर और पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर के आतंकियों को 25,000 रुपए प्रदान किए जाते हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान आतंकियों को हर महीने सैलरी 10 से 12 हजार रुपए भी देता है। आस-पास के आतंकियों को 8 से 10 हजार रुपए की सैलरी दी जाती है।
पाकिस्तानी आतंकियों के लीडर भी होते हैं। पाकिस्तान मंथली लोकल और विदेशी दोनों तरह के लीडर को 50,000 हजार रुपए मंथली सैलरी दी जाती है। वहीं, जब भी इन आतंकियों को किसी हमले को अंजाम देने के लिए भेजा जाता है, तो इनके ग्रुप को 1 से 2 लाख रुपए का फंड दिया जाता है। वहीं, आतंकियों द्वारा सालभर में दी गई वारदात के हिसाब से सालाना 2 से 2.5 लाख रुपए का इनाम भी दिया जाता है।
पाकिस्तान जिन आतंकियों को रिक्रूट करता है, उनकी ट्रेनिंग पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर में चल रहे ट्रेनिंग सेंटर पर पूरी कराई जाती है। जिसमें एक आतंकी की ट्रेनिंग पर जो खर्च आता है, वो करीब 25,000हजार रुपए होता है। इसके साथ ही आतंकियों को जो ड्रेस और इक्विपमेंट दिए जाते हैं, उसके ऊपर 25 से 30 हजार रुपए खर्च किए जाते हैं।
पाकिस्तान मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के परिवार को आर्थिक मदद मुहैया करता है। जिसमें पाकिस्तान की ओर से विदेशी आतंकी के मारे जाने पर उसके परिवार को 2 लाख रुपए भी प्रदान किए जाते हैं। वहीं, जब कश्मीर का कोई लोकल आतंकी मारा जाता है, तो उसके परिवार को 20,000 हजार रुपए और हर महीने 2 से 3 हजार रुपए की मदद दी जाती है।
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