सोना कुछ दिनों के लिए थोड़ा नीचे जाता है और फिर से ऊपर चला जाता है. वैसे तो सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव में global trends key role निभाते हैं.
नई दिल्ली: शादियों का सीजन आते ही सोने की कीमत में उछाल आना शुरू हो जाता है. शुक्रवार को सभी बड़े शहरों में 24 कैरेट सोने की कीमत 78,000 रुपये से ऊपर थी. सोना कुछ दिनों के लिए थोड़ा नीचे जाता है और फिर से ऊपर चला जाता है. वैसे तो सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव में global trends key role निभाते हैं, लेकिन अगर हम भारत में सोने की कीमत के बजाय सोने के मूल्य की बात करें, तो यह काफी हद तक संस्कृति से निर्धारित होता है.
भारत में 35 साल पहले वैश्वीकरण की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद आज भी सोने की कीमत पर ग्लोबल फैक्टर से ज़्यादा कल्चरल फैक्टर हावी है. इसी वजह से शादियों के मौसम, अक्षय तृतीया, धनतेरस, दिवाली आदि के दौरान सोने की कीमत बढ़ जाती है.क्योंकि उस समय मांग अधिक होने के कारण दरें अपने आप बढ़ने लगती हैं. इसके अलावा निवेश के लिए सोने की मांग शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से राहत पाने के लिए सुरक्षा प्रतीक के रूप में भी है.
सोने के लाल होने के पीछे जियो-पॉलिटिकल फैक्टर भी बड़ी भूमिका निभाते हैं. अलग-अलग जगहों पर हो रहे युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता, किसी देश विशेष में व्याप्त मंदी दुनिया में सोने के भाव में तेजी के पीछे एक बड़े कारक के रूप में भूमिका निभाते हैं. दुनिया के अलग-अलग देशों की मौद्रिक नीति, खास तौर पर अमेरिका के फेड रिजर्व की भी इसमें भूमिका होती है. इसका असर भारत में सोने की कीमत पर भी पड़ता है. पारंपरिक तौर पर वित्तीय दुनिया में सोने को हेज के तौर पर देखा जाता है. मांग बढ़ने पर इसकी कीमत भी बढ़ जाती है. शुक्रवार को सोने का अधिकतम भाव 78,800 रुपये रहा. दिल्ली में न्यूनतम भाव 78,290 रुपये रहा. कोलकाता में 10 ग्राम सोने का भाव 78,320 रुपये और मुंबई में 78,420 रुपये रहा.
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