नई दिल्ली: सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स की चेन्नई स्थित मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन बीते एक महीने से जारी है। बता दें इस प्रदर्शन में कर्मचारी वेतन में वृद्धि और यूनियन की मान्यता को लेकर मांग कर रहे हैं। वहीं सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन (एसआईडब्ल्यूयू) के नेतृत्व में हो रहे इस विरोध के कारण त्योहारी सीजन से पहले सैमसंग के उत्पादन में 80% की गिरावट आ चुकी है। इस कारण सैमसंग की और से इस हड़ताल को रोकने के लिए अलग अलगरणनीतियां अपनाई का रही हैं.
तमिलनाडु में स्थित सैमसंग कंपनी के 1,800 कर्मचारियों में से 1,000 से अधिक कर्मचारी 9 सितंबर से हड़ताल पर बैठे हैं। हड़ताल में कर्मचारियों द्वारा एसआईडब्ल्यूयू-सीआईटीयू यूनियन को मान्यता देने की मांग की जा रही हैं। इसके अलावा तीन साल के लिए वेतन में वृद्धि कर उसे 36,000 रुपये करने की मांग की जा रही है. इतना ही नहीं शिफ्ट भत्ते को 150 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये करने और पैटरनिटी को तीन से बढ़ाकर सात दिन करने की भी मांग की जा रही है। इसके साथ ही, यूनियन समान योग्यता वाले कर्मचारियों के लिए समान वेतन व्यवस्था की मांग कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे विरोध जारी रखते हैं तो उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं कंपनी ने नौकरी से निकाले जाने की भी धमकी दी थी। वहीं हाल ही में सैमसंग ने हड़ताल समाप्त करने की एक नई रणनीति अपनाई है।
सैमसंग ने कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगाने के लिए उन्हें फल, चॉकलेट और स्नैक किट भेजने शुरू कर दिए हैं और उनके परिवारों से मिलकर समझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि विरोध प्रदर्शन में भागीदारी कम हो। इस दौरान एक कर्मचारी ने बताया कि प्रबंधन द्वारा घरों में स्नैक्स किट भेजी जा रही हैं और कर्मचारियों को हड़ताल से हटाने के लिए बोनस की पेशकश की जा रही है। हालांकि कर्मचारी कंपनी के इस प्रयास से संतुष्ट नहीं हैं और विरोध जारी रखने पर अड़े हुए हैं।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: नारायणपुर में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़, मारे गए 14 नक्सली ढेर