नई दिल्ली: एडटेक कंपनी बायजू (Byju’s) में संकट लगातार गहराता जा रहा है। कंपनी जुलाई महीने की सैलरी देने में असफल रही है। पहले भी बायजू अपने कर्मचारियों को लेट सैलरी देती रही है, लेकिन इस बार कंपनी के CEO बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) ने हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कर्मचारियों को भेजे गए एक ईमेल में बताया कि कंपनी के बैंक अकाउंट्स पर फिलहाल उनका नियंत्रण नहीं है, जिससे सैलरी मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।
हाल ही में बायजू को एक और बड़ा झटका तब लगा, जब BCCI केस में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने पैसा चुकाने का आदेश दिया। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने Glas Trust Company की याचिका पर इस आदेश पर रोक लगा दी। इसके बाद कंपनी का वित्तीय संकट और बढ़ गया। बायजू की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न (Think and Learn) जुलाई की सैलरी देने में असमर्थ रही है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कंपनी के अकाउंट्स फ्रीज हो गए हैं, जिससे सैलरी देना संभव नहीं हो पा रहा है।
बायजू रविंद्रन ने कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में लिखा, “कानूनी चुनौतियों के चलते कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार की प्रक्रिया लंबी खिंच रही है। हम पिछले दो साल से इन समस्याओं में फंसे हुए हैं। मुझे आपकी स्थिति की पूरी चिंता है। जुलाई की सैलरी अब तक जमा नहीं हो पाई है। बीसीसीआई विवाद ने हमें इस कगार पर ला दिया कि हमें दिवालिया घोषित करने की नौबत आ गई। हालांकि, हमने पैसा चुकाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की अस्थायी रोक ने हमारे बैंक अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया।”
रविंद्रन ने आगे कहा, “हमने पिछले महीनों में आपको समय पर सैलरी दी है, लेकिन फिलहाल हम और पैसा जुटाने में असमर्थ हैं। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि जैसे ही हमें बैंक अकाउंट्स का कंट्रोल वापस मिलेगा, आपकी सैलरी तुरंत दी जाएगी। हम इसके लिए व्यक्तिगत लोन लेने तक को तैयार हैं। बीसीसीआई को 158 करोड़ रुपये का भुगतान रिजू रविंद्रन (Riju Raveendran) अपने निजी पैसों से करने की कोशिश कर रहे हैं।”
बायजू के इस संकट से कर्मचारियों के सामने अनिश्चितता का माहौल बन गया है। लगातार देरी से सैलरी मिलने और कंपनी की खराब वित्तीय स्थिति ने उनके भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले और कंपनी की अगली रणनीति पर टिकी हैं।
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