सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून पर गुरुवार को भी सुनवाई हुई. इस दौरान सरकार और याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अपनी बात रखी. आदालत ने एक हफ्ते के लिए यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया. फैसला सुनाते वक्त याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल बीच में बोल पड़े तो मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने उन्हें टोक दिया और कहा कि बीच में मत बोलिए, मैं आदेश लिखवा रहा हूं.
वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई के दूसरे दिन थोड़ा माहौल बदला हुआ था. सॉलिसिटिर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समया मांगा जिस पर कोर्ट राजी हो गया. साथ में उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि वक्फ बाई यूजर मामले में रजिस्टर्ड संपत्ति को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा. इस दौरान कलेक्टर कोई एक्शन नहीं लेंगे न ही बोर्ड या परिषद में कोई परिवर्तन किया जाएगा.
तुषार मेहता ने वक्फ संशोधन कानून संसद द्वारा पारित है जिसे लाखों लोगों से बातचीत करके बनाया गया है. सरकार आम जनता के प्रति जवाबदेह है इसलिए कुछ प्रावधानों को लेकर इसे रोका नहीं जा सकता. इस पर सीजेआई ने कहा कि वह सरकार को सुनेंगे लेकिन इस दौरान स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं होना चाहिए. सीजेआई संजीव खन्ना ने एसजी तुषार मेहता से यह भी पूछा कि 1995 के एक्ट के तहत रजिस्टर्ड संपत्ति पर कोई कार्रवाई तो नहीं होगी? इस पर जवाब मिला कि यह बात कानून का हिस्सा है.
इस मामले में अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी. सहमति बन जाने के बाद सीजेआई संजीव खन्ना ने अंतरिम फैसला सुनाते हुए कहा, ‘वक्फ घोषित संपत्ति और रजिस्टर्ड संपत्ति को पहले की तरह बने रहने दिया जाए. इसी दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल बोल पड़े कि वक्फ बाय यूजर भी लिखिए. इस पर चीफ जस्टिस ने उन्हें टोका और कहा कि ‘मैं आदेश लिखवा रहा हूं. बीच में मत बोलिए.
कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी याचिकाओं पर सुनवाई संभव नहीं हैं, सिर्फ 5 याचिकाओं पर ही सुनवाई होगी. याचिकाकर्ता इस पर एक दिन में फैसला लेकर बताएं. बाकी याचिकाओं को निस्तारित माना जाएगा. याचिकाओं को सूचीबद्ध करते समय किसी का नाम नहीं लिखा जाएगा. साथ ही जिरह करने वाले वकीलों की लिस्ट भी कोर्ट नें मांग ली.
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