प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरएसएस मुख्यालय जाने के बाद सियासत गर्म है. शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने यह कहकर तंज कसा है कि पीएम मोदी रविवार को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय इसलिए पहुंचे थे ताकि वे संदेश दे सकें कि वह सेवानिवृत्त हो रहे हैं. राउत ने आगे जोड़ा आरएसएस देश के राजनीतिक नेतृत्व में बदलाव चाहता है. वह यानी कि पीएम मोदी संभवत: सितंबर में अपना सेवानिवृत्ति आवेदन लिखने के लिए संघ मुख्यालय गए होंगे.’’ राउत इशारों ही इशारों में यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि पीएम मोदी सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे और उसके बाद सेवानिवृत्त हो जाएंगे. उन्होंने आगे जोड़ा पीएम मोदी का उत्तराधिकारी महाराष्ट्र से आएगा. इस पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि पीएम मोदी हमारे नेता हैं और आगे भी बने रहेंगे. नेता के सक्रिय रहते हुए उत्तराधिकार पर चर्चा करना भारतीय संस्कृति में नहीं है.
दरअसल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं को उम्र का हवाला देकर चुनावी और सक्रिय राजनीति से अलग किया गया था और तभी से यह बात चल निकली कि भाजपा में 75 साल के होते ही सक्रिय राजनीति से विदाई हो जाती है. हालांकि 75 पर रिटायरमेंट वाले नियम पर कभी किसी बड़े भाजपा नेता ने सार्वजनिक मंच से खुलकर नहीं बोला. आज तक इसे अघोषित नियम ही माना जाता है. एक बार इंटरव्यू में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से इस बारे में पूछ गया तो उन्होंने कहा था कि बैठकर बातचीत से इसे तय कर लेंगे.
पीएम मोदी की सेवानिवृत्ति और उत्तराधिकारी को लेकर लगाई जा रही अटकलों को महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी आने वाले कई वर्षों तक देश का नेतृ्त्व करते रहेंगे. नागपुर में संवाददाताओं से वार्ता में फडणवीस ने कहा कि 2029 में हम मोदी को चौथी बार प्रधानमंत्री के रूप में देखेंगे. उनके उत्तराधिकारी की तलाश की कोई जरूरत नहीं.पीएम मोदी हमारे नेता हैं और आगे भी बने रहेंगे. नेता के सक्रिय रहते हुए उसके उत्तराधिकार पर चर्चा भारतीय संस्कृति में नहीं है. यह मुगल संस्कृति है लिहाजा इस पर चर्चा करने का समय अभी नहीं आया है.
उधर, नागपुर में वरिष्ठ आरएसएस नेता सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी ने कहा कि उनके रिप्लेसमेंट के बारे में किसी भी चर्चा की जानकारी नहीं है. बता दें कि पीएम बनने के 11 साल बाद रविवार को पीएम मोदी पहली बार संघ मुख्यालय नागपुर पहुंचे थे जहां उन्होंने संघ को भारत की अमर संस्कृति का वटवृक्ष बताया था. पीएम रहते हुए संघ मुख्यालय का दौरा करने वाले मोदी दूसरे प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले अटल बिहार वाजपेयी ने साल 2000 में संघ मुख्यालय का दौरा किया था.
आपको बता दें कि फडणवीस ने मुगल संस्कृति का जिक्र कर विपक्ष को घेरने की कोशिश की है. जिस तरह से औरंगजेब की कब्र को लेकर महाराष्ट्र में सियासत और दंगे हुए उसके बाद फडणवीस का यह बयान विपक्ष पर तगड़ा वार है. भाजपा और उसके समर्थक संगठनों ने औरंगजेब का जबरदस्त विरोध किया जबकि विपक्ष दूसरे पाले में नजर आया. शिवसेना हिंदूत्व की पक्षधर मानी जाती है लिहाजा वह नहीं चाहती कि वह औरंगजेब के पाले में नजर आये. फडणवीस ने मुगल संस्कृति का जिक्र कर शिवसेना को घेरने की कोशिश की है.
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