लखनऊ। वाराणसी में विकास मंत्रियों की बैठक होना शुरू हो गई है। लेकिन उससे पहले पीएम मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी मेहमानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि काशी सदियों से ज्ञान, चर्चा और अध्यात्म का केंद्र रहा है। इसमें भारत की विविध विरासत का सार है। मुझे खुशी है कि जी-20 समूहों के विकास का एजेंडा काशी तक भी पहुंच गया है। मेरा विश्वास है कि ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम सतत विकास लक्ष्यों को पीछे ना जाने दें।
विकास को बनाए रखना हम सब लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है। दुनिया के विकास में भारत हरसंभव मदद देने के लिए तैयार है। भारत अपने अनुभव बांटने को तैयार है। दुनिया को बचाने के लिए पर्यावरण पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। हम नदियों, पेड़ों का सम्मान करते हैं।
विकास, वैश्विक दक्षिण के लिए एक प्रमुख मुद्दा है। वैश्विक दक्षिण के देश वैश्विक कोविड महामारी से उत्पन्न व्यवधान से गंभीर रूप से प्रभावित थे और भू-राजनीतिक तनाव के कारण खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट ने एक और झटका दिया है। ऐसी परिस्थितियों में आप जो निर्णय लेते हैं उसका बहुत महत्व होता है।
बता दें, जी-20 देशों के तीन दिवसीय (11-13 जून) सम्मेलन की शुरूआत रविवार देर शाम गाला डिनर के साथ हो चुकी है। विदेश मंत्री डा एस जयशंकर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में अलग-अलग देशों के विकास मंत्रियों का स्वागत रविवार को किया गया था। साथ ही बैठकों का दौर आज से शुरू हो गया है।