Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में नया तनाव पैदा कर दिया है. इस हमले में 28 लोगों की जान गई और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रजिस्टेंट फ्रंट (टीआरएफ) ने इसकी जिम्मेदारी ली. भारत सरकार के कड़े रुख और उसके बाद दिए गए बयान के जवाब में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज शरीफ ने 24 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है.
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाए. जिनमें पाकिस्तानी दूतावास को बंद करना, सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, सिंधु जल समझौता समाप्त करना और अटारी चेकपोस्ट बंद करना शामिल है. भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा ‘पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा. यह हमला जम्मू-कश्मीर में शांति और पर्यटन को नष्ट करने की साजिश का हिस्सा है.’ इस बयान के जवाब में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संकेत दिया कि शहबाज शरीफ इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एनएससी की बैठक बुलाएंगे.
पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति देश का सर्वोच्च सुरक्षा निकाय है. जिसमें नागरिक और सैन्य नेतृत्व शामिल होता है. इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें सेना प्रमुख, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख, संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष, रक्षा, वित्त और सूचना मंत्री जैसे प्रमुख लोग शामिल होते हैं. यह समिति राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और विदेश नीति से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले लेती है. माना जा रहा है कि गुरुवार की बैठक में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा होगी.
पाकिस्तान की ओर से इस बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान जारी होने की संभावना है. विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान निम्नलिखित रुख अपना सकता है.
आतंकवाद से इनकार: पाकिस्तान दावा कर सकता है कि वह आतंकवाद का समर्थन नहीं करता और पहलगाम हमले से उसका कोई लेना-देना नहीं है. वह इस हमले को भारत की आंतरिक सुरक्षा विफलता के रूप में पेश कर सकता है.
कश्मीर मुद्दे को उछालना: शहबाज शरीफ पहले भी कश्मीर को भारत के साथ बातचीत का केंद्र बताते रहे हैं. वह इस मौके पर कश्मीर में ‘आत्मनिर्णय के अधिकार’ की मांग को फिर से उठा सकते हैं.
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शिकायत: पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र या इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) जैसे मंचों पर भारत के खिलाफ अपनी बात रख सकता है.
सैन्य तैनाती: हालांकि तत्काल सैन्य कार्रवाई की संभावना कम है लेकिन पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा सकता है.
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