Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुआ आतंकी हमला न केवल पर्यटकों के लिए एक त्रासदी बनकर आया बल्कि इसने कश्मीर की शांति और पर्यटन को निशाना बनाने की गहरी साजिश को भी उजागर किया. बैसरन घाटी जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है. वहां हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई. जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. सुरक्षा एजेंसियों ने तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं और सूत्रों का दावा है कि इस हमले में कुल सात आतंकी शामिल थे. जिन्हें पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे.
मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे बैसरन घाटी में आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी. यह वह समय था जब पर्यटक घाटी की खूबसूरती का लुत्फ उठा रहे थे. हमलावरों ने चुन-चुनकर पुरुष पर्यटकों को निशाना बनाया. एक महिला ने बताया ‘मेरे पति के सिर में गोली लगी और सात अन्य लोग भी घायल हो गए.’ 54 वर्षीय संतोष जगदाले को आतंकियों ने तंबू से बाहर बुलाकर इस्लाम की आयत पढ़ने को कहा. जब वे ऐसा नहीं कर पाए तो आतंकियों ने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी. संतोष को तीन गोलियां मारी गईं. एक सिर में, एक कान के पीछे और एक पीठ में.
हमले में 28 मृतकों में दो विदेशी (संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल से) और दो स्थानीय निवासी शामिल हैं. यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला है.
terrorist attack on tourists in Kashmir
सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर तीन आतंकियों आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के स्केच जारी किए हैं. ये स्केच पीड़ितों के बयानों के आधार पर तैयार किए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक हमले में शामिल आतंकी आदिल गुरी और आसिफ शेख भी थे. खुफिया जानकारी के अनुसार ये सातों आतंकी विदेशी थे और दो हफ्ते पहले पीर पंजाल रूट के जरिए पाकिस्तान से घाटी में घुसे थे.
सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि आतंकियों को पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं से निर्देश मिल रहे थे. हमले की सटीक योजना और समय खासकर अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस की भारत यात्रा के दौरान पाकिस्तान की संलिप्तता की ओर इशारा करता है. द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) जो लश्कर-ए-ताइबा का एक सहयोगी संगठन है. इसने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
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हमले की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा बीच में छोड़कर स्वदेश लौटने का फैसला किया. दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ आपात बैठक की. पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा ‘मैं पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है उनके प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं. इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा… उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.’
गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है.
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